नयी दिल्ली, 17 अगस्त (लाइव 7) महत्वाकांक्षी एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का रविवार तड़के अमेरिका से यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।
केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डा जितेन्द्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा शर्मा और इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक नेतृत्व ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। ग्रुप कैप्टन शुक्ला की पत्नी भी इस अवसर पर मौजूद थी।
ग्रुप कैप्टन शुक्ला इस महत्वपूर्ण मिशन पर 25 जून को नासा के फ्लोरिडा स्थित केन्द्र से रवाना हुए थे। अंतरिक्ष में 18 दिन के अभियान के दौरान सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के बारे में सफल प्रयोग करने के बाद वह 15 जुलाई को पृथ्वी पर वापस लौटे थे। पिछले चार दशकों में वह अंतरिक्ष में जाने वाले वह पहले भारतीय हैं।
ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने आईएसएस की यात्रा को गौरव का क्षण बताते हुए इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन से मुलाकात की और आईएसएस में अपने अनुभव साझा किए। ग्रुप कैप्टन शुक्ला के आज या कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की उम्मीद थी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में एक्स पर लिखाा, “भारत के लिए गौरव का क्षण! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इसे संभव बनाने वाली व्यवस्था के प्रति कृतज्ञता का क्षण।”
डॉ. सिंह ने कहा , “भारत का अंतरिक्ष गौरव। भारत की धरती को छू रहा है… क्योंकि भारत माता के प्रतिष्ठित सपूत, गगनयात्री शुभांशु शुक्ला आज सुबह-सुबह दिल्ली पहुंचे हैं।”
स्वदेश लौटने के लिए उड़ान में सवार होने के बाद ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने मिशन के दौरान अपने एक साल के अनुभव को याद करते हुए एक भावुक नोट लिखा और कहा कि वह भारत लौटने और अपने अनुभव सभी के साथ साझा करने के लिए उत्सुक हैं।
उन्होंने लिखा, “भारत वापस आने के लिए विमान में बैठते ही मेरे दिल में कई तरह की भावनाएं उमड़ रही हैं। मुझे उन शानदार लोगों को पीछे छोड़कर बहुत दुख हो रहा है जो इस मिशन के दौरान पिछले एक साल से मेरे दोस्त और परिवार रहे हैं। मैं मिशन के बाद पहली बार अपने सभी दोस्तों, परिवार और देश के सभी लोगों से मिलने के लिए भी उत्साहित हूं। मुझे लगता है कि ज़िंदगी यही है – सब कुछ एक साथ। मिशन के दौरान और बाद में सभी से अविश्वसनीय प्यार और समर्थन मिलने के बाद, मैं आप सभी के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए भारत वापस आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूं। अलविदा कहना मुश्किल है लेकिन हमें ज़िंदगी में आगे बढ़ते रहना चाहिए। जैसा कि मेरी कमांडर स्नेह के साथ कहती हैं, ‘अंतरिक्ष उड़ान में एकमात्र स्थिर चीज़ परिवर्तन है’। मेरा मानना है कि यह बात ज़िंदगी पर भी लागू होती है।”
हिन्दी फिल्म के एक गाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा ,“मुझे लगता है कि दिन के अंत में – यूं ही चला चल रही – जीवन गाड़ी है समय पहिया।”
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लाइव 7
ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से लौटे शुक्ला का स्वदेश आगमन पर भव्य स्वागत
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