मौसम संबंधी रडार में खराबी की आशंका में डायवर्ट किया गया था एयर इंडिया का विमान: डीजीसीए

Live 7 Desk

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (लाइव 7) एयर इंडिया की रविवार रात तिरुवनंतपुरम् से दिल्ली आ रही उड़ान को चेन्नई डायवर्ट करने की घटना के राजनीतिक रंग लेने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सोमवार को एक बयान जारी कर पूरे घटनाक्रम पर स्पष्टीकरण दिया
है।
डीजीसीए के बयान में कहा गया है कि उड़ान एआई 2455 के पायलटों ने मौसम की जानकारी देने वाले रडार में खराबी की आशंका के कारण सतर्कता बरतते हुये विमान को चेन्नई डायवर्ट करने और वहाँ उतारने का फैसला किया।
बयान के अनुसार, उड़ान के रवाना होने का नियमित समय शाम 7.15 बजे था। मौसम संबंधी तथा अन्य कारणों से दिल्ली से देरी से तिरुवनंतपुरम् पहुँचने के कारण वापसी की उड़ान 49 मिनट की देरी से शाम 8.04 बजे रवाना हुई।
डीजीसीए ने बताया कि रास्ते में मौसम खराब था और विमान को मध्यम दर्जे के टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। चालक दल के सदस्यों ने पाया कि वेदर रडार (मौसम संबंधी रडार) पर दी गयी जानकारी सही नहीं थी और उन्हें शक हुआ कि रडार ठीक से काम नहीं कर रहा है और इसलिए उड़ान को चेन्नई डायवर्ट करने का फैसला किया।
सीमा से अधिक ईंधन के साथ लैंडिग से बचने के लिए एटीसी से अनुमति लेकर विमान ने 43 मिनट तक (रात 9.25 से 10.08 बजे तक) चेन्नई के पूर्वोत्तर में चक्कर लगाये। इसके बाद उसे रनवे 25 पर उतरने की अनुमति दी गयी।
बयान में कहा गया है कि रात 10.19 बजे एटीसी ने चालक दल से रनवे पर न उतरते हुये दोबारा उड़ान भरने के लिए कहा क्योंकि उसी रनवे पर उड़ान भरने वाली गल्फ एयर की उड़ान जीएफए053 के चालक दल ने रनवे की बायीं तरफ कुछ मलबा होने की बात कही थी।
इसके बाद रनवे की जाँच की गयी और पाया गया कि रनवे पर कुछ भी संदेहास्पद नहीं था। इसके बाद एयर इंडिया के विमान को उतरने की अनुमति दी गयी और विमान रात 10.39 बजे सुरक्षित उतरा।
डीजीसीए के अनुसार, इंजीनियरों द्वारा जाँच के दौरान विमान में कोई खराबी नहीं पायी गयी, हालाँकि सतर्कता बरतते हुये वेदर रडार के ट्रांसीवर को बदल दिया गया।
अजीत जितेन्द्र
लाइव 7

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