नयी दिल्ली 23 दिसम्बर (लाइव 7) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सुरक्षा एजेंसियों ने देश में उग्रवाद और आतंकवाद जैसे कई प्रकार के खतरों से निर्णायक लड़ाई लड़कर वर्चस्व स्थापित किया है
श्री शाह ने सोमवार को यहां 37 वें गुप्तचर ब्यूरो शाताब्दी व्याख्यान में कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले 5 साल में देश में कई प्रकार के खतरों से निर्णायक लड़ाई लड़कर वर्चस्व स्थापित किया है। पांच साल पहले तक देश के सामने दशकों से चले आ रहे तीन नासूर-पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवाद और कश्मीर देश की शांति, कानून-व्यवस्था, सुरक्षा और भविष्य को चुनौती दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की सख्त नीतियों और कठोर निर्णयों के कारण आने वाली पीढ़ी को इन तीनों खतरों की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने इन खतरों पर लगभग के निर्णायक विजय प्राप्त कर ली है। उन्होंने कहा कि कहा कि इन तीनों क्षेत्रों में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत और इनके कारण होने वाली मौतों में लगभग 86 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सूचना ब्यूरो की कार्यपद्धति, सतर्कता, सक्रियता, निर्णायक भूमिका निभाना और यश लेने के समय किसी और को आगे करने की त्याग और समर्पण की एक परंपरा ने देश को सुरक्षित रखा हुआ है। पिछले 10 साल में गुप्तचर ब्यूरो की तत्परता, तीक्षणा और परिणाम लाने की क्षमता में काफी सुधार हुआ है। ब्यूरो ने अपनी निष्ठा, साहस, त्याग और समर्पण की परंपरा को न केवल बरकरार रखा है बल्कि इसे आगे भी बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक चुनौतियों के सामने कठिन परिस्थितियों में विगत 5 साल में ब्यूरो ने देश को सुरक्षित रखा है। उन्होंने कहा कि किसी भी इंटेलिजेंस एजेंसी का इकोसिस्टम देश की सुरक्षा के आधार के साथ-साथ देश के भविष्य और विकास की मूल ज़रूरत भी होता है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश एक सशक्त इंटेलिजेंस इकोसिस्टम के बिना आगे नहीं बढ़ सकता क्योंकि इसके बिना देश की संप्रभुता और आर्थिक विकास संभव नहीं है।
श्री शाह ने कहा कि मौजूदा स्थिति में इंटेलिजेंस इकोसिस्टम के प्रभाव को चार डायमेंशन में विभाजित किया जा सकता है – समाज, संप्रभुता, सुरक्षा और सजगता। उन्होंने कहा कि इन सबके बीच में संपर्क और तालमेल के बिना आज हम पूरे देश को सुरक्षित नहीं रख सकते। एक सुरक्षित समाज ही आर्थिक और सामाजिक विकास की नींव रखने में सक्षम होता है। इंटेलिजेंस इकोसिस्टम द्वारा समय पर खतरों की पहचान कर उन्हें समाप्त करना ही समाज में विश्वास और स्थिरता बनाए रखता है। उन्होंने कहा कि अगर हमें नक्सलवाद, आतंकवाद, संगठित अपराध, विभाजनकारी ताकतों, सांप्रदायिकता, नारकोटिक्स और असामाजिक तत्वों को पूरी तरह नियंत्रण में रखना है तो हमारे लिए समाज की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज के ज़माने में संप्रभुता के दायरे सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं हैं। अगर हम इनोवेशन, तकनीक, अर्थव्यवस्था, संसाधनों, शोध और अनुसंधान की प्रक्रिया को संप्रभुता की व्याख्या में शामिल नहीं करते हैं, तो हम देश को सुरक्षित नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इन सभी क्षेत्रों की सुरक्षा में अगर थोड़ी सी भी चूक होती है तो हमारी संप्रभुता आहत होगी। इसलिए इसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है। श्री शाह ने कहा कि सुरक्षा अब सीमा और नागरिकों की सुरक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि सुरक्षा की व्याख्या में हमें आज कुछ नए बिंदु भी जोड़ने पड़ेंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस , मशीन लर्निंग और साइबर स्पेस जैसे क्षेत्रों में हो रहे तेज़ परिवर्तनों के प्रति सजगता बढ़ानी पड़ेगी। आज सिर्फ भौतिक नुकसान करने वाले देशविरोधी तत्वों से सजग रहने से ही हमारा काम पूरा नहीं होता और हमें आज के परिदृश्य में सजगता के मायने बदलने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इंफॉर्मेशन और डाटा, विकास के बहुत बड़े टूल हैं, इन्हे सुरक्षित रखने के लिए हमारी परंपरागत पद्धतियों के साथ-साथ मोड, मेकैनिज्म और तौर तरीकों आदि में आमूलचूल परिवर्तन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसके लिए ब्यूरो को तैयार और प्रौद्योगिकी से लैस करने की जिम्मेदारी युवा अफसरों पर होगी।
इस अवसर पर ब्यूरो के निदेशक, केन्द्रीय गृह सचिव, कई पूर्व निदेशक, केन्द्रीय पुलिस बलों और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक, ब्यूरो और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अशोक
लाइव 7
सुरक्षा एजेंसियों ने उग्रवाद और आतंकवाद से निर्णायक लड़ाई लड़कर वर्चस्व स्थापित किया: शाह
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