पणजी, 23 नवंबर (लाइव 7) निर्देशक नवज्योत नरेन्द्र बांदीवाडेकर का मानना है कि मराठी फिल्म ‘घराट गणपति’ भारतीय परंपराओं, संस्कृति और मूल्यों को आगे बढ़ाने का एक सच्चा प्रयास है।
55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे नवज्योत नरेन्द्र बांदीवाडेकर ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुये कहा, “ मराठी फिल्म ‘घराट गणपति’ भारतीय परंपराओं, संस्कृति और मूल्यों को आगे बढ़ाने का एक सच्चा प्रयास है।ये परंपरायें आधुनिक भारत में कहीं खोती जा रही हैं। आज की दुनिया में संयुक्त परिवार की अवधारणा भी खत्म होती जा रही है। ”
उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म विविध मौज-मस्ती और अफरा-तफरी की स्थितियों के माध्यम से परिवार के सभी सदस्यों के बीच आपसी संबंधों की खोज करती है।
‘घराट गणपति’ के संगीत निर्देशक संकेत साने ने कहा कि उन्होंने फिल्म का संगीत इस तरह से तैयार किया है कि यह दर्शकों को भारतीय संस्कृति से जोड़े, यह हर भारतीय के दिल से भावनात्मक जुड़ाव स्थापित करे।
फिल्म महाराष्ट्र के खूबसूरत कोंकण तट पर आधारित है, हालांकि, फिल्म में दिखाया गया महाराष्ट्रियन पैतृक घर केरल में स्थित है! इस संदर्भ में, बांदीवाडेकर ने कहा, “ प्राकृतिक सुंदरता पूरे भारत में प्रचुर मात्रा में मौजूद है, हमें इसके लिए भारत से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। ”
‘घराट गणपति’ की कार्यकारी सह-निर्माता अश्विनी परांजपे ने कहा कि कहानी सुनने के पहले दिन ही वह फिल्म की कायल हो गई थी। ‘घराट गणपति’ स्वीकृति, विकसित होती परंपराओं और एक भारतीय परिवार के जटिल बंधनों की खोज करती है। हंसी और आंसुओं के बीच, घराट गणपति जीवंत त्योहार के दौरान प्यार, पहचान और सांस्कृतिक भावना में डूब जाती है। फिल्म में एक उत्तर भारतीय लड़की को दिखाया गया है जो गणपति उत्सव के दौरान एक महाराष्ट्रियन परिवार के साथ रहने के लिये कोंकण आती है। फिल्म के कलाकारों में निकिता दत्ता, भूषण प्रधान, अजिंक्य देव, अश्विनी भावे, मोने, शुभांगी लाटकर और शुभांगी गोखले शामिल हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मलयालम फिल्म ‘लेवल क्रॉस’ के निर्देशक, पटकथा लेखक और मुख्य अभिनेता ने भी हिस्सा लिया। निर्देशक अरफाज अयूब ने अपने प्रोजेक्ट को एक ‘सपने जैसी फिल्म’ बताया, जिसमें लोकेशन भी एक किरदार है! फिल्म दिखाती है कि जीवन कितना अनिश्चित है! अरफाज अयूब ने आगे कहा, फिल्म सामाजिक स्पेक्ट्रम के दो चरम छोरों से दो लोगों को लाती है जो सतही तौर पर बहुत अलग दिखते हैं। लेकिन फिल्म यह भी बताती है कि मानवीय भावनायें गहरे स्तर पर एक जैसी हैं। फिल्म सूक्ष्म रूप से बताती है कि वर्तमान अतीत का अवशेष है, जो कथा में छिपा है। उन्होंने कहा कि अस्तित्व की यह कहानी परस्पर विरोधी दृष्टिकोणों और सूक्ष्म रूपकों से मानवीय भावनाओं से भरी हुई है।
‘लेवल क्रॉस’ की शूटिंग ट्यूनीशिया के सहारा रेगिस्तान में की गयी है। निर्देशक ने इस स्थान को इसलिये चुना क्योंकि वह चाहते थे कि दर्शक एक नया स्थान देखें और इसे ‘स्वप्नलोक, काल्पनिक दुनिया’ मानें, जैसा कि स्क्रिप्ट की मांग थी। उन्होंने कहा कि यह ट्यूनीशिया में शूट की जाने वाली पहली भारतीय फिल्म है। निर्देशक ने कहा, “ समय और स्थान से परे एक काल्पनिक भूमि पर आधारित यह फिल्म भावनाओं, विचारों और विश्वासों को खूबसूरती से दर्शाती है।”
अपने प्रोजेक्ट के लिये एक आदर्श स्थान की खोज के अपने अनुभव साझा करते हुये, अरफाज अयूब ने बताया कि कैसे वह अपने स्थानीय ट्यूनीशियाई लाइन प्रोड्यूसर के साथ रेगिस्तान में मीलों पैदल चलकर शूटिंग स्थल तक पहुंचे, जो सड़क से जुड़ा नहीं था!
अरफाज अयूब के पिता एडम अयूब, जो मलयालम टीवी के अग्रणी हैं, ने ‘लेवल क्रॉस’ की पटकथा लिखी थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में, फिल्म उद्योग के दिग्गज ने खुलासा किया कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए कई बार पटकथा लिखी। एडम अयूब ने कहा कि यह फिल्म मानवीय भावनाओं के टकराव के बारे में है। उन्होंने दर्शकों को सलाह दी कि वे फिल्म को अंत तक देखें, क्योंकि कहानी में आखिरी सीन तक एक मोड़ है! यह शानदार दृश्यों और मनमोहक साउंड डिज़ाइन के साथ एक अनूठा सिनेमाई अनुभव प्रदान करता है।
मुख्य अभिनेत्री अमला पॉल ने बताया कि उनकी भूमिका जटिल थी, और इस किरदार में कई परतें हैं, जो अनेक मोड़ों से भरा थ्रिलर ड् ा है। अमला पॉल ने “अप्रत्याशित रेगिस्तानी वातावरण” में शूटिंग के अपने रोमांचक अनुभव को साझा किया। उन्होंने शूटिंग के आखिरी दिन एक बवंडर देखने की बात याद की!
थ्रिलर ड् ा ‘लेवल क्रॉस’ के कलाकारों में आसिफ अली और शराफ यू धीन भी शामिल हैं।
.श्रवण
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