2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका होगी: पुरी

Live 7 Desk

नयी दिल्ली 23 अक्टूबर (लाइव 7) पेट्राेलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सपलने को साकार करने में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी तथा तेल और गैस क्षेत्र की कंपनियां एआई और जनरेटिव एआई (जेनएआई) वास्तविक समय के डेटा और अंतर्दृष्टि का लाभ उठाकर परिचालन को अनुकूलित कर रहे हैं।
श्री पुरी ने एनरिच 2024, केपीएमजी के वार्षिक नवाचार और ऊर्जा सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऊर्जा क्षेत्र को बदलने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। “ऊर्जा के लिए एआई” थीम के साथ, मंत्री ने एआई और ऊर्जा के अभिसरण को समयोचित और परिवर्तनकारी बताया, जो उद्योग के भविष्य को आकार देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एआई परिचालन में क्रांति लाएगा, दक्षता बढ़ाएगा और अधिक टिकाऊ ऊर्जा परिदृश्य की ओर बदलाव को गति देगा।
मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे एआई को उद्योगों में तेजी से अपनाया जा रहा है और यह 2047 तक प्रधानमंत्री के “विकसित भारत” के सपने को साकार करने में सहायक होगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय तेल कंपनियां परिचालन दक्षता बढ़ाने, सुरक्षा में सुधार करने और कम कार्बन वाले भविष्य की ओर संक्रमण में योगदान देने के लिए एआई में महत्वपूर्ण निवेश कर रही हैं।
श्री पुरी ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) भी विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा, संरक्षा और परिचालन दक्षता में सुधार करने के लिए एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) का उपयोग कर रहे हैं। मांग पूर्वानुमान, ग्राहक विश्लेषण और मूल्य निर्धारण विश्लेषण जैसे उन्नत उपकरणों के माध्यम से, एआई ऊर्जा क्षेत्र में समग्र ग्राहक अनुभव को बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि अपस्ट्रीम तेल और गैस क्षेत्र में, संभावित हाइड्रोकार्बन भंडारों की पहचान करने के लिए जटिल भूकंपीय डेटा का विश्लेषण करने के लिए डीप लर्निंग जैसे एआई-सक्षम तंत्र का उपयोग किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि ड्रिलिंग जटिलताओं की एआई-आधारित भविष्यवाणी और ड्रिलिंग मापदंडों का वास्तविक समय अनुकूलन ड्रिलिंग दक्षता में सुधार और परिचालन लागत को कम करने में प्रभावी साबित हुआ है।
श्री पुरी ने अपस्ट्रीम अन्वेषण और उत्पादन से लेकर मिडस्ट्रीम स्टोरेज और डाउनस्ट्रीम रिफाइनिंग और वितरण तक ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में एआई उपकरणों के व्यापक एकीकरण का उल्लेख किया। उन्होंने देखा कि यह बदलाव पारंपरिक इंजीनियरिंग मानसिकता से अलग है जो लंबे समय से उद्योग पर हावी रही है। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय डेटा रिपॉजिटरी के आधुनिकीकरण की ओर इशारा किया, जिसे अब क्लाउड-आधारित प्लेटफ़ॉर्म में अपग्रेड किया गया है। उन्होंने कहा कि 7,500 करोड़ रुपये के सरकारी निवेश द्वारा समर्थित यह प्लेटफ़ॉर्म भूकंपीय और उत्पादन डेटा तक तुरंत पहुँच सक्षम बनाता है।
जे.पी. मॉर्गन के शोध का हवाला देते हुए मंत्री ने अगले तीन वर्षों में वैश्विक जीडीपी को 7 से10 लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ाने के लिए जनरेटिव एआई की क्षमता पर चर्चा की, जिससे कार्यबल उत्पादकता में बड़ी वृद्धि होगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नया आकार मिलेगा। श्री पुरी ने कहा कि भारत अपनी बढ़ती अर्थव्यवस्था, युवा आबादी और संपन्न तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के साथ एआई से बहुत लाभान्वित होने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि एआई अपनाने से 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था में कम से कम 33.8 लाख करोड़ रुपये का योगदान हो सकता है। उन्होंने यूनिवर्सल कनेक्टिविटी और डिजिटल इंडिया पहल की सफलता पर भी प्रकाश डाला, जिसने 2014 में 251.59 मिलियन से 2024 में 954.40 मिलियन तक इंटरनेट ग्राहकों की संख्या में वृद्धि की है।
भारत के तेजी से बढ़ते स्टार्ट-अप इकोसिस्टम पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि भारत अब अमेरिका और चीन के बाद यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप के लिए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा केंद्र है, जिसका संयुक्त मूल्यांकन लगभग 350 अरब डॉलर है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये स्टार्ट-अप भारतीय अर्थव्यवस्था को नया आकार दे रहे हैं और बाजारों को बदल रहे हैं। तेल और गैस सार्वजनिक उपक्रमों ने कुल 505 करोड़ रुपये के स्टार्टअप फंड स्थापित किए हैं। अब तक, 287 स्टार्ट-अप को फंडिंग मिल चुकी है, जिसमें से 271 करोड़ रुपये पहले ही इस क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए वितरित किए जा चुके हैं।
मंत्री ने अविन्या 25 के बारे में भी बात की, जिसे अविन्या 24 की जबरदस्त सफलता के आधार पर हाल ही में लॉन्च किया गया है। इस पहल का उद्देश्य उद्यमियों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और छात्रों को ऐसे   समाधान प्रस्तावित करने के लिए प्रोत्साहित करना है जो ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य को आकार दे सकें। अविन्या’25 के लिए आवेदन की अवधि 30 सितंबर 2024 को शुरू हुई, तथा आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 2 दिसंबर 2024 है। श्री पुरी ने सभी से सक्रिय रूप से भाग लेने तथा आयोजन की सफलता में योगदान देने का आग्रह किया।
शेखर
लाइव 7

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