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झारखंड के चतरा जिले में अवैध मादक पदार्थों की खेती के ख़िलाफ़ एक बड़ी सफलता हासिल की गई है। पुलिस अधीक्षक चतरा, सुमित कुमार अग्रवाल के सख़्त निर्देशों के तहत, आज जिले भर में अवैध अफ़ीम की खेती के उन्मूलन हेतु एक विशेष एवं व्यापक अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान, वन भूमि पर की जा रही कुल 9 एकड़ अवैध अफ़ीम की खेती को शुरुआती अवस्था में ही पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।

पुलिस टीम ने ज़मीन पर उतरकर, गुप्त सूचनाओं के आधार पर और गहन जाँच के बाद, तीन प्रमुख थाना क्षेत्रों में अवैध फ़सलों की पहचान की और उन्हें नष्ट किया। लावालौंग थाना क्षेत्र:ग्राम – सेरका में नष्ट की गई खेती का क्षेत्रफल: 2 एकड़।,कुंदा थाना क्षेत्र:ग्राम – इचाक एवं पचम्बा में नष्ट की गई खेती का क्षेत्रफल: 5 एकड़,वशिष्ठनगर थाना क्षेत्र:ग्राम – कुरखेता नष्ट की गई खेती का क्षेत्रफल: 2 एकड़। इस प्रकार, विभिन्न थाना क्षेत्रों में की गई संयुक्त कार्रवाई से कुल 9 एकड़ वन भूमि को अवैध अफ़ीम की चपेट से मुक्त कराया गया।

फ़सल को नष्ट करने का कार्य इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल मादक पदार्थों के उत्पादन की श्रृंखला को तोड़ता है, बल्कि इसमें शामिल लोगों को एक सख्त संदेश भी देता है। पुलिस विभाग अब इस अवैध खेती में संलिप्त व्यक्तियों की पहचान करने में जुट गया है। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। पहचान होते ही, उनके विरुद्ध आवश्यक विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें प्राथमिकी दर्ज करना और गिरफ्तारी शामिल है। चतरा पुलिस का उद्देश्य न केवल फ़सल को नष्ट करना है, बल्कि इसके मूल स्रोतों और सरगनाओं तक पहुँचना भी है।
चतरा पुलिस का,आमजन से अपील
चतरा पुलिस ने एक बार फिर ज़िले के आमजन से अपील की है। पुलिस ने कहा है कि अवैध अफ़ीम की खेती एक गंभीर अपराध है और यह न केवल कानूनी रूप से ग़लत है, बल्कि हमारे युवाओं और समाज के भविष्य के लिए भी हानिकारक है।
“हम आमजन से अपील करते हैं कि अवैध अफ़ीम की खेती न करें और किसी भी व्यक्ति को ऐसी गैर-कानूनी गतिविधि करने से रोकने में पुलिस का सहयोग करें। अपनी बहुमूल्य जानकारी पुलिस के साथ साझा करें ताकि इस ज़िले को पूरी तरह से नशा मुक्त बनाया जा सके।”

