रक्षा-सुरक्षा प्रौद्योगिकी के लिए सहयोग बढ़ाएंगे भारत जमैका

Live 7 Desk

नयी दिल्ली, 01 अक्टूबर (लाइव 7) कैरेबियाई देश जमैका ने भारत को ‘ज्ञान की राजधानी’ बताते हुए अपने देश के लोगों के कौशल विकास, क्षमता निर्माण, डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, लघु उद्योग, जैविक ईंधन, नवान्वेषण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कृषि के क्षेत्रों के साथ साथ रक्षा एवं सुरक्षा में भारत से प्रौद्योगिकी आधारित समाधान हासिल करने का इरादा जाहिर किया है तथा इसके लिए चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस के बीच मंगलवार को हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय शिखर बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन के वास्ते वित्तीय समावेशन के लिए डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, रूपे भुगतान प्रणाली, सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा खेलों को लेकर आपसी सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये।
श्री मोदी ने बैठक के बाद अपने मीडिया वक्तव्य में श्री होलनेस और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करते हुए कहा कि आज पहली बार जमैका के प्रधानमंत्री भारत की द्विपक्षीय यात्रा पर आए हैं। इसलिए हम इस यात्रा को विशेष महत्व देते हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री होलनेस लंबे समय से भारत के मित्र रहे हैं। मुझे कई बार उनसे मिलने का अवसर मिला है। और हर बार मैंने उनके विचारों में भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को महसूस किया है। मुझे विश्वास है कि उनकी यात्रा से हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ पूरे कैरेबियाई क्षेत्र के साथ हमारे संबंधों को नयी ऊर्जा मिलेगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत और जमैका के संबंध हमारे साझा इतिहास, साझा लोकतान्त्रिक मूल्यों और मजबूत जन आधारित संबंधों पर आधारित हैं। हमारे संबंधों को – कल्चर (संस्कृति), क्रिकेट, कामनवेल्थ (राष्ट्रमंडल) और कैरीकॉम अंकित करते हैं। आज की बैठक में हमने सभी क्षेत्रों में अपना सहयोग सुदृढ़ करने पर विचार किया और कई नयी पहलों की पहचान की। भारत और जमैका के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि हो रही है। जमैका की विकास यात्रा में भारत सदैव एक विश्वसनीय और प्रतिबद्ध विकास साझीदार रहा है। इस दिशा में हमारे सभी प्रयास जमैका के लोगों की आवश्यकताओं पर आधारित रहे हैं। आई-टेक तथा आईसीसीआर छात्रवृत्ति के माध्यम से हमने जमैका के लोगों के कौशल विकास और क्षमता निर्माण में योगदान दिया है।”
उन्होंने कहा,“ डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, लघु उद्योग, जैविक ईंधन, नवान्वेषण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कृषि के क्षेत्रों में हम अपना अनुभव जमैका के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं। रक्षा के क्षेत्र में भारत द्वारा जमैका की सेना की ट्रेनिंग और क्षमता निर्माण पर हम आगे बढ़ेंगे। संगठित अपराध, तस्करी एवं आतंकवाद हमारी साझा चुनौतियाँ हैं। हम मिलकर इन चुनौतियों का सामना करने पर सहमत हैं। अंतरिक्ष क्षेत्र में भी हमें अपना सफल अनुभव जमैका के साथ साझा करने में खुशी होगी।”
श्री मोदी ने कहा, “आज की बैठक में हमने कई वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। हम सहमत हैं कि सभी तनावों और विवादों का समाधान बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए। हम मिलकर वैश्विक शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे। भारत और जमैका एकमत हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित सभी वैश्विक संस्थाओं में सुधार आवश्यक है। इन्हें समकालीन रूप देने के लिए हम साथ मिलकर काम करते रहेंगे।”
उन्होंने कहा, “भारत और जमैका के बीच भले ही विशाल महासागरों की दूरी हो, किन्तु हमारे मन, हमारी संस्कृति और हमारा इतिहास एक दूसरे से जुड़े हैं। लगभग 180 वर्ष पहले भारत से जो लोग जमैका गए थे, उन्होंने हमारे लोगों के बीच संबंधों की मजबूत नींव रखी थी। आज जमैका को अपना घर मानने वाले लगभग सत्तर हज़ार भारतीय मूल के लोग हमारी साझा विरासत का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। उनकी देखरेख के लिए वह प्रधानमंत्री होलनेस और उनकी सरकार के आभारी हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “जिस प्रकार भारत से योग, बॉलीवुड और लोक संगीत को जमैका में अपनाया गया है, उसी तरह जमैका के “रेगे” और “डांसहॉल” भी भारत में लोकप्रिय हो रहे हैं। आज किए जा रहे सांस्कृतिक आदान-प्रदान से हमारी आपसी नज़दीकियाँ और बढ़ेंगी। हमने दिल्ली में जमैका उच्चायोग के सामने सड़क का नाम “जमैका मार्ग” रखने का निर्णय लिया है। यह सड़क भावी पीढ़ियों के लिए हमारी गहरी मित्रता और हमारे सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी।”
श्री मोदी ने कहा, “क्रिकेट  ी देशों के रूप में खेल हमारे संबंधों में एक बहुत मजबूत और महत्वपूर्ण संपर्क सूत्र रहा है। “कर्टनी वॉल्श” की तेज गेंदबाजी हो, या “क्रिस गेल” की धुआंधार बल्लेबाजी, भारत के लोगों में जमैका के क्रिकेटरों के लिए विशेष लगाव रहा है। हमने खेलों में अपना सहयोग और गहरा करने पर भी विचार विमर्श किया। मुझे पूरा विश्वास है कि आज की चर्चाओं से निकले निष्कर्ष हमारे संबंधों को “उसैन बोल्ट” से भी तेज़ गति देंगे, और हम निरंतर नई ऊँचाइयां छूते रहेंगे।”
जमैका के प्रधानमंत्री श्री होलनेस ने अपने वक्तव्य में कहा, “चूंकि भारत ने खुद को दुनिया की ज्ञान राजधानी के रूप में स्थापित किया है, हम एसटीईएम शिक्षा और डिजिटलीकरण में भारत सरकार द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति को पहचानते हैं। इसलिए हम एक प्रकाश स्तंभ के रूप में भारत से सीखने के लिए उत्सुक हैं। तकनीकी प्रगति और वैश्विक दक्षिण में जमैका की सरकार इस बदलती और गतिशील दुनिया में खुद को और अपने लोगों की प्रगति के लिए प्रासंगिक कौशल से लैस करना चाहती है।”
उन्होंने कहा, “हमारे नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा बढ़ाने के मेरे प्रशासन के प्रयास के आलोक में राष्ट्रीय सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सीमा सुरक्षा को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हम प्रौद्योगिकी-संचालित सुरक्षा समाधानों के लिए भारत को वैश्विक नेता एवं अपने एक स्वाभाविक सहयोगी के रूप में देखते हैं। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इसलिए भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इसलिए हमारे साझा हित, 2030 तक हमारे ऊर्जा मिश्रण में विविधता लाने के हमारे संबंधित राष्ट्रीय लक्ष्यों पर आधारित, इस क्षेत्र में गहन सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।”
श्री होलनेस ने कहा, “मुझे भारत सरकार द्वारा संचालित वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने के जमैका के इरादे की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। जमैका जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति विशिष्ट रूप से संवेदनशील है और इसलिए इस अस्तित्वगत खतरे से निपटने के किसी भी प्रयास को समर्थन और प्रशंसा के योग्य मानता है। इस कारण से, जमैका को इस बात पर गर्व है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उसे इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स, आईआरआईएस और गठबंधन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर, सीडीआरआई का संस्थापक सदस्य बनने के लिए आमंत्रित किया है।”
मेहमान प्रधानमंत्री ने कहा कि वह श्री मोदी, इन पहलों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के संदर्भ में जमैका के निरंतर समर्थन और सक्रिय भागीदारी पर भरोसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “ट्रैक और फील्ड में जमैका की उत्कृष्टता और क्रिकेट में भारत की उत्कृष्टता और कौशल विजयी संयोजन हैं और आपसी आदान-प्रदान और सहयोग के लिए जबरदस्त अवसर प्रदान करते हैं। मैं भारत को जून में वेस्ट इंडीज में आयोजित 2024 पुरुष टी-20 विश्व कप में जीत और पिछले महीने 45वें फिडे शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई देता हूं। भारत सरकार को एक नए संसद भवन का निर्माण के लिए भी बधाई है जो 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं और सपनों को दर्शाता है और यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।”
श्री होलनेस ने कहा, “हम संयुक्त राष्ट्र, विशेष रूप से सुरक्षा परिषद के सुधार सुनिश्चित करने के लिए इस बारे में अपने विचार साझा करते हैं। सुरक्षा परिषद की संरचना शक्ति के वर्तमान संतुलन और भारत जैसे नए नेतृत्वकारी देशों के उद्भव को प्रतिबिंबित करती है, जो कि सभी देशों के लिए काम करने वाली बहुपक्षवाद में भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान शिखर सम्मेलन की वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ श्रृंखला में भी प्रतिध्वनित हुई थी।”
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लाइव 7

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