क्षेत्रीय-राष्ट्रीय दलों के गठबंधन से जम्मू-कश्मीर के लोगों को परेशानी हुई: बुखारी

Live 7 Desk

श्रीनगर, 28 अगस्त (लाइव 7) अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने बुधवार को कहा कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के बीच गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को बार-बार परेशान किया है।
श्री बुखारी ने कहा कि 1987, 2008 और 2014 के विधानसभा चुनावों में देखा गया है कि इन चुनावों से बनी गठबंधन सरकारों ने क्षेत्र में काफी उथल-पुथल मचाई है और लोगों की जानें गयी हैं तथा विनाश हुआ है। उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी किसी अन्य राजनीतिक इकाई से समर्थन मांगे या पेशकश किए बिना स्वतंत्र रूप से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
अपनी पार्टी के नेता ने ये बातें अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र चनापोरा में प्रचार करते हुए कहीं। उन्होंने यहां मतदाताओं से बातचीत की और उनसे वोट तथा समर्थन मांगा।
श्री बुखारी ने भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा,“इन मामलों पर ध्यान देने के बजाय मैं जम्मू-कश्मीर में स्थानीय आबादी की शिकायतों और मुद्दों के बारे में अधिक चिंतित हूं।” उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के घोषणापत्र में कैदियों को रिहा करने, आरोपों का सामना कर रहे युवाओं को सामान्य माफी देने, दो लाख खाली सरकारी नौकरियों को भरने, दिहाड़ी मजदूरों को नियमित करने, सिख समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने, कश्मीरी पंडितों की वापसी की सुविधा देने, घरों में मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने, वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने और गरीबों की लड़कियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता जैसे वादे किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना ​​है कि ये वास्तविक मुद्दे हैं और हम इन्हें संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंध बहाल होंगे या नहीं, यह दोनों देशों की सरकारों को तय करना है। जमात-ए-इस्लामी उम्मीदवारों द्वारा स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने पर श्री बुखारी ने कहा,“मैंने हमेशा धार्मिक संगठनों और उनके नेताओं का समर्थन किया है, क्योंकि मेरा मानना ​​है कि वे समाज को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”
उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी और भावी पीढ़ियों को उच्च नैतिक मानकों के साथ जीवन जीने के लिए धार्मिक संस्थानों और इस्लामी विद्वानों से मार्गदर्शन की आवश्यकता है। श्री बुखारी ने कहा,“मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि धार्मिक दलों के कुछ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यह जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सकारात्मक बदलाव को भी दर्शाता है।”
संतोष. 
लाइव 7

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