नई दिल्ली 18 अक्टूबर (लाइव 7) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन द्वारा महत्वपूर्ण दुर्लभ खनिजों के निर्यात नियमों को कड़ा किए जाने के बीच कहा है कि भारत के लिए जरूरी है कि प्रौद्योगिकी विकसित करने और अपनी प्रौद्योगिकी संप्रभुता की रक्षा के लिए वह रक्षा तथा एयरोस्पेस में इस्तेमाल की जाने वाली दुर्लभ धातु सामग्री देश में ही बनाये। श्री सिंह शनिवार को लखनऊ में पीटीसी इंडस्ट्रीज के स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स में टाइटेनियम और सुपरअलॉय मैटेरियल्स प्लांट राष्ट्र को समर्पित कर रहे थे।
उन्होंने रक्षा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य क्षेत्रों में इस्तेमाल की जाने वाली दुर्लभ खनिज सामग्रियों के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि केवल कुछ ही देशों के पास इन सामग्रियों को परिष्कृत करके उच्च-स्तरीय उत्पादों में बदलने की क्षमता है।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह संयंत्र एयरो-इंजन घटकों और सुपर अलॉय घटकों का उत्पादन करने वाली निजी क्षेत्र की पहली विनिर्माण इकाइयों में से एक है। यह भारत के लिए दुर्लभ धातुओं को बनाने में काफ़ी मददगार साबित होगा।
श्री सिंह ने कहा, ” पहले भारत रक्षा और एयरोस्पेस के लिए आवश्यक उन्नत सामग्रियों और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के लिए अन्य देशों पर निर्भर जिसके कारण रक्षा क्षेत्र का विकास धीमा था। अब टाइटेनियम और सुपरअलॉय मैटेरियल्स प्लांट जैसी पहल इस प्रवृत्ति में बदलाव का संकेत देती हैं।”
उन्होंने दोहराया कि भारत सच्ची ताकत तभी हासिल कर पाएगा जब वह अपनी सामग्री, कलपुर्जे, चिप और मिश्रधातुओं को बना सकेगा। उन्होंने कहा कि इस नये संयंत्र से भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जो अपने महत्वपूर्ण रक्षा और एयरोस्पेस साजो सामान स्वयं बना सकते हैं।
उन्होंने कहा, ” इसके साथ हम अपने लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, नौसैनिक प्रणालियों और उपग्रहों में इस्तेमाल होने वाले पुर्जों का निर्माण कर सकेंगे।”
रक्षा मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि प्रौद्योगिकी शक्ति है लेकिन धातु सामग्री असली ताकत है। उन्होंने कहा कि चाहे वह सेमीकंडक्टर चिप हो, बुलेट सामग्री हो या इंजन टरबाइन का पुर्ज़ा, रणनीतिक सामग्रियों के बिना कुछ भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा,” हम एक ऐसी नींव तैयार कर रहे हैं जो आने वाले वर्षों में भारत की तकनीकी संप्रभुता को मज़बूत करेगी।”
लाइव 7
रक्षा क्षेत्र में काम आने वाली दुर्लभ धातु सामग्रियां बनाना भारत के लिए जरूरी: राजनाथ
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