नयी दिल्ली 09 दिसम्बर (लाइव 7) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कल यहां मानवाधिकार दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करेंगी।
मानवाधिकार दिवस हर वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकारों की सर्वव्यापी घोषणा के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में मानवाधिकार को अपनाया था और इसकी सर्वव्यापी घोषणा की थी। यह मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक वैश्विक निर्देश चिन्ह (बेंचमार्क) के रूप में कार्य करता है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मानवाधिकार दिवस को दुनिया भर के विभिन्न हितधारकों के लिए अपने कार्यों और जिम्मेदारियों पर विचार करने के अवसर के रूप में देखता है।
मानवाधिकारों की सर्वव्यापी घोषणा इस सिद्धांत को दर्शाती है कि सभी मनुष्य स्वतंत्र और समान पैदा होते हैं, उन्हें जीवन, स्वतंत्रता और सुरक्षा, कानून के समक्ष समानता और विचार, विवेक, धर्म, राय तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। यह सिद्धांत भारत के संविधान और मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम (पीएचआरए), 1993 में भी परिलक्षित होता है, जिसने 12 अक्टूबर, 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत की स्थापना के लिए कानूनी ढांचा प्रदान किया।
इस अवसर पर मानवाधिकार आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष विजया भारती सयानी, महासचिव भरत लाल, वरिष्ठ अधिकारी, वैधानिक आयोगों के सदस्य, राज्यों के मानवाधिकार आयोग , राजनयिक, नागरिक समाज और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।
इस कार्यक्रम के बाद ‘ मानसिक स्वास्थ्य: कक्षा से कार्यस्थल तक तनाव से निपटना ’ विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
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मुर्मु मानवाधिकार दिवस समारोह को संबोधित करेंगी
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