भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज बढ़ कर करीब 49 प्रतिशत तक पहुंचा: श्रम सचिव सुनिता डावरा

Live 7 Desk

नयी दिल्ली/ जेनेवा (स्विट्जरलैंड), 15 मार्च (लाइव 7) भारत ने विश्व श्रम संगठन (आईएलओ) के मंच पर बताया कि उसने अपनी आबादी में सामाजिक सुरक्षा कवरेज का स्तर दोगुना करके 48.8 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है और उसकी इस उपलब्धि से वैश्विक स्तर पर सामाजिक सुरक्षा कवरेज में पांच प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार जेनेवा में आईएलओ की संचालन परिषद की 353वीं बैठक की कार्रवाई में हस्तक्षेप करते हुए श्रम सचिव सुनिता डावरा ने बताया कि भारत में सामाजिक सुरक्षा कवच प्रदान करने में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ ), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी), ई-श्रम पोर्टल, पीएम जन आरोग्य और लक्षित सर्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) जैसे प्रमुख संस्थाओं और योजनाओं, संगठनों और योजनाओं की बड़ी भूमिका है और उनके योगदान को मान्यता मिली है।
ईपीएफओ में अंशदन करने वाले सदस्यों की संख्या 7.37 करोड़ है, ईएसआईसी में 14.4 करोड़ लाभार्थी है, ई-श्रम पोर्टल पर 30.6 करोड़ पंजीकृत असंगठित क्षेत्र के सदस्य है, पीएम जन आरोग्य योजना में 60 करोड़ लोगों का सुरक्षा कवच मिला है और लक्षित पीडीएस से 81.35 करोड़ लोगों को मुफ्त या सस्ते खाद्यान्न का लाभ मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज का अधिक सटीक आकलन प्राप्त करने हेतु आईएलओ के सहयोग से राज्य विशिष्ट डेटा पूलिंग अभियान शुरू किया है।
सुश्री डावरा 10 से 20 मार्च तक आयोजित इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने आईएलओ के महानिदेशक एवं वरिष्ठ विशेषज्ञों तथा अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा की।
सुश्री डावरा ने कहा कि भारत ने वैश्विक मंच पर श्रम कल्याण, गुणवत्तापूर्ण रोजगार और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने में अग्रणी आवाज के रूप में कार्य करना जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
इस बैठक में आईएलओ के त्रिपक्षीय घटकों यानी सरकारों, श्रमिकों और नियोक्ताओं के प्रतिनिधि कामकाज की दुनिया एवं आईएलओ के शासन से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आए हैं।
सुश्री डावरा के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वैश्विक स्तर पर श्रम कल्याण, सामाजिक न्याय और गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के साझा एजेंडे को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत की उपलब्धियों, सीखों और दृष्टिकोणों को दर्शाते हुए प्रमुख मुद्दों पर सार्थक हस्तक्षेप किए।
भारत ने इस वर्ष के अंत में कतर के दोहा में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में सामाजिक विकास हेतु द्वितीय वैश्विक शिखर सम्मेलन के आयोजन के संबंध आईएलओ के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। इस आयोजन का उद्देश्य सामाजिक विकास के लिए 2030 एजेंडा के सामाजिक आयाम को सुदृढ़ करना है।
विज्ञप्ति के अनुसार जेनेवा बैठक में भारत ने प्रवासी श्रमिकों के सबसे बड़े मूल देशों में से एक और सबसे अधिक धन प्रेषण प्राप्त करने वाले देश के रूप में सुव्यवस्थित, कौशल-आधारित प्रवास मार्गों को बढ़ावा देने में अधिक वैश्विक सहयोग के प्रति अपना समर्थन दोहराया।
भारत की और से आईएलओ से द्विपक्षीय श्रम प्रवास और सामाजिक सुरक्षा समझौतों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए वैश्विक स्तर पर तेजी लाने के संबंधित प्रयासों को बढ़ाने का आग्रह किया गया।
भारत ने वैश्विक गठबंधन के एक प्रमुख भागीदार के रूप में भारत द्वारा आईएलओ आधारित सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन के तहत प्रवासन पर पहला त्रिपक्षीय वैश्विक मंच आयोजित करने के आईएलओ के प्रस्ताव का समर्थन किया।
इसके अलावा भारत ने रसायनों एवं कचरे से होने वाले नुकसान से पृथ्वी को मुक्त करने और श्रमिकों, समुदायों एवं पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। बॉन घोषणा के अनुसरण के क्रम में आईएलओ द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई।
 ,  
लाइव 7

Share This Article
Leave a Comment