नई दिल्ली, 17 मार्च (लाइव 7) खाद्य वस्तुओं, अन्य विनिर्मित वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं और वस्त्रों की कीमतों में इजाफा होने से इस वर्ष फरवरी में देश की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई इसके पिछले महीने जनवरी के 2.31 प्रतिशत के मुकाबले 0.06 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 2.38 प्रतिशत पर पहुंच गई।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, फरवरी 2025 में वार्षिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर 2.38 प्रतिशत (अनंतिम) दर्ज की गई है, जो फरवरी 2024 की तुलना में अधिक है। इस वृद्धि का प्रमुख कारण खाद्य उत्पादों, खाद्य वस्तुओं, अन्य विनिर्मित वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं और वस्त्रों की कीमतों में हुआ इजाफा रहा है।
डब्ल्यूपीआई थोक बाजार में वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को दर्शाता है और इसे मुख्य रूप से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) डिफ्लेटर के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें केवल मूल कीमतें शामिल होती हैं जबकि कर, व्यापार छूट, परिवहन और अन्य शुल्क को शामिल नहीं किया जाता। वहीं, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों पर आधारित होती है।
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक स्तर से नीचे बनी रही खुदरा महंगाई फरवरी 2025 में घटकर 3.61 प्रतिशत रह गई, जो सात महीनों का न्यूनतम स्तर है।
लाइव 7
फरवरी में थोक महंगाई 0.06 प्रतिशत बढ़कर 2.38 प्रतिशत पर

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