नयी दिल्ली,25 मार्च (लाइव 7) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने हरियाणा के सोनीपत से झज्जर और दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ड्रोन का प्रयोग करते हुए कोर्निया और एमनियोटिक झिल्ली ग्राफ्ट पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को यहां बताया कि आईसीएमआर ने नेत्र देखभाल में ड्रोन-आधारित कॉर्निया परिवहन की शुरुआत की है। आईसीएमआर ने दिल्ली एम्स और सोनीपत के डॉ. श्रॉफ चैरिटी आई अस्पताल के साथ मिलकर सोनीपत और झज्जर में संग्रह केंद्रों से प्रत्यारोपण प्रक्रियाओं के लिए अन्य अस्पतालों तक मानव कॉर्निया और एमनियोटिक झिल्ली ग्राफ्ट जैसे संवेदनशील नेत्र संबंधी बायोमैटेरियल के परिवहन के लिए ड्रोन का उपयोग करने की क्षमता का आकलन करने के लिए एक अध्ययन किया है। ड्रोन ने डॉ. श्रॉफ चैरिटी आई अस्पताल से कॉर्नियल ऊतक को झज्जर राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एम्स) तक सफलतापूर्वक पहुँचाया है।
ड्रोन ने सोनीपत से झज्जर पहुंचाया कोर्निया

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