एआई का उपयोग मजबूत नियामक ढांचे द्वारा निर्देशित होनी चाहिए: सिंधिया

Live 7 Desk

नयी दिल्ली 14 अक्टूबर (लाइव 7) संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बहुत तेजी और सटीकता को सक्षम बना रहा है लेकिन इसका उपयोग नैतिक विचारों और मजबूत नियामक ढांचे द्वारा निर्देशित होनी चाहिए।
श्री सिंधिया ने यहां भारतमंडप में आईटीयू डब्ल्यूटीएसए कार्यक्रम में कहा कि एआई और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) का निर्देशित करने पर बाद में नहीं सोचा जा सकता है। गोपनीयता और पूर्वाग्रह की चिंताओं को संबोधित किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ये प्रौद्योगिकियां अच्छे के लिए एक शक्ति के रूप में काम करें।
उन्होंने कहा “हमें गोपनीयता, पूर्वाग्रह और पारदर्शिता की चिंताओं को संबोधित करना चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये प्रौद्योगिकियां अच्छे के लिए एक शक्ति के रूप में काम करें।” उन्होंने कहा कि एआई सूचना को संग्रहीत और संसाधित करने के तरीके को नया आकार दे रहा है, यह अद्वितीय तेजी, सटीकता और मापनीयता को अनलॉक करके कंपनियों और व्यक्तियों को सक्षम बना रहा है।
श्री सिंधिया ने कहा कि इसलिए डिजिटल परिदृश्य और तकनीक का उपयोग नैतिक विचारों और मजबूत नियामक ढांचे द्वारा निर्देशित होनी चाहिए। नवाचार की निरंतर प्रवाह हर अर्थव्यवस्था और समाज के ताने-बाने में नए पैटर्न बुन रही है। इसके मद्देनजर यह सुनिश्चित करना सभी का सामूहिक कर्तव्य है कि आज लिए गए निर्णय सहयोग और दूरदर्शिता पर आधारित हों और अगली डिजिटल क्रांति के लिए आधार बनें। 5जी, एआई और आईओटी के परस्पर जुड़े मॉडल वैश्विक स्तर पर उद्योगों, समाजों और विनिर्माण प्रक्रियाओं तथा अर्थव्यवस्थाओं को बदल रहे हैं। फिर भी उनकी पूरी क्षमता को केवल एकसमान दृष्टिकोण के माध्यम से ही महसूस किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानक नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन साझा नींवों के माध्यम से ही 5जी, एआई और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी क्रांतिकारी तकनीक बढ़ सकती है। मंत्री ने मानकों को एक अपरिहार्य ढांचा के रूप में वर्णित किया जो अंतर-संचालन सुनिश्चित करता है, सुरक्षा बढ़ाता है और विश्वास को बढ़ावा देता है। 5जी केवल तेज़ इंटरनेट के बारे में नहीं है, बल्कि यह बुद्धिमान शहरों और बुनियादी ढांचे और सभी प्रकार के नवाचारों के लिए आधार तैयार कर रहा है। भारत में 5जी से 2040 तक अर्थव्यवस्था में 450 अरब अमरीकी डॉलर का निवेश होने की उम्मीद है। भारत ने मानकीकृत नवाचार की परिवर्तनकारी शक्ति को उजागर करते हुए केवल 22 महीनों में पूरे देश में 5जी शुरू कर दिया है।
उन्होंने यूपीआई, आधार कार्ड प्रणाली, डिजिलॉकर और इंडिया स्टैक पर देश के नवाचारों का उल्लेख करते हुये सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया। श्री सिंधिया ने कहा, “आज हम एक नए तकनीकी युग के मुहाने पर खड़े हैं, मोबाइल नेटवर्क की छठी पीढ़ी 6जी आने वाला है। यह भविष्य का प्रवेश द्वार है, जहाँ संचार असीम हो जाएगा, जहाँ नवाचार की कोई सीमा नहीं होगी, और जहाँ मानवता का परस्पर जुड़ाव हमारे साझा वैश्विक भाग्य की आधारशिला बन जाएगा। आईटीयू के मार्गदर्शन के साथ, एक व्यापक नीति ढांचे की आवश्यकता है। एक ऐसा ढांचा जो न केवल 6जी के सामाजिक-आर्थिक निहितार्थों के बारे में तकनीकी मांग को संबोधित करता है, बल्कि हम एक ऐसे नियामक वातावरण की भी कल्पना करते हैं जो समावेशिता, समानता और पहुँच को बढ़ावा देता है।”
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से विज्ञान की भूमि रहा है। भारत हमेशा से नवाचार की भूमि रहा है। हम प्रतिमान क्रांतियों के मुहाने पर हैं, जिसमें आमतौर पर सदियों या दशकों का समय लगता है। आज, प्रौद्योगिकी में बदलाव कुछ ही महीनों और दिनों में हो रहे हैं। दुनिया एक बड़े बदलाव से गुजर रही है क्योंकि प्रौद्योगिकी और नवाचार हर व्यक्ति के जीवन में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए मानकों, विनियमों की अवधारणा, जो वैश्विक हैं, और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। आज डब्ल्यूटीएसए की महासचिव और उनके पूरे प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी करना मेरे लिए सम्मान की बात है। 100 से अधिक देशों के नेता भारत में मौजूद हैं। पहली बार डब्ल्यूटीएसए की मेजबानी भारत में की जा रही है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की प्रगति में एक और मील का पत्थर है, जिन्होंने इस तकनीकी क्रांति को संचालित किया है जिसने ऐसे प्रतिमान बदलाव देखे हैं जो दशकों में नहीं देखे गए थे। उन्होंने कहा कि आज किए गए विकल्प, निर्धारित किए गए मानक और बढ़ावा दिए जाने वाले सहयोग वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए तकनीकी परिदृश्य को परिभाषित करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) की महासचिव डोरेन बोगदान मार्टिन ने कहा कि एआई का उदय आंशिक रूप से मानकों के सुर्खियों में रहने का कारण है। उन्होंने कहा, “ मानक केवल तकनीकी विनिर्देशों से कहीं अधिक हैं।” उन्होंने नवाचार और अंतर-संचालन में इसके महत्व पर जोर दिया और यह सुनिश्चित करने के लिए कि एआई और प्रौद्योगिकी को सुरक्षित तरीके से तैनात किया जाए।
उन्होंने कहा, “ विश्व मानक दिवस और हर दिन हमें याद रखना चाहिए कि हमारा साझा डिजिटल भविष्य अभी आना बाकी है। मानकों को अपने प्रयासों के केंद्र में रखने के लिए मिलकर काम करते हुए आइए सुनिश्चित करें कि यह भरोसेमंद, समावेशी और पूरी मानवता के लिए फायदेमंद हो।”
शेखर
लाइव 7

Share This Article
Leave a comment