रोम, 14 नवंबर (लाइव 7) इटली ने नये कानून में यौन हिंसा की नये सिरे से परिभाषा तय की है और इसमें ‘बल प्रयोग’ की बजाय ‘सहमति’ को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। इस संशोधन को बड़ी पार्टियों ने समर्थन दिया है और यह इस्तांबुल कन्वेंशन के अनुरूप भी है। इटली के चैंबर ऑफ डेप्युटीज़ जस्टिस कमीशन ने यौन हिंसा विधेयक में अनिवार्य सहमति को शामिल करने के लिए संबंधित संशोधन को मंज़ूरी दे दी है। संसदीय सूत्रों के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडी) की मिशेला डि बियासे और ब्रदर्स ऑफ इटली (एफडीआई) की कैरोलिना वर्ची द्वारा प्रस्तुत इस संशोधन को पार्टी नेताओं एली श्लेन और जियोर्जिया मेलोनी ने भी अपना पूर्ण समर्थन दे दिया है।
आयोग की कार्यवाही के दौरान डि बियासे ने कहा कि यह इतालवी दंड संहिता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया, “यह बदलाव एक बड़े सांस्कृतिक बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि हमने अक्सर देखा है कि महिलाओं को झेली गई हिंसा के बावजूद खुद को सही ठहराने के लिए मजबूर किया जाता है। बिना सहमति के यौन संबंध बलात्कार है।”
नए कानून में कहा गया है कि जो कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की स्वतंत्रता और सहमति का ख्याल किये बगैर यौन संबंध बनाने की कोशिश करता है या यौन संबंध बनाता है, उसे छह से 12 साल की कैद की सज़ा होगी।
यह संशोधन सीनेट में जाने से पहले अगले सोमवार को चैंबर ऑफ डेप्युटीज़ में पारित किया जाएगा।
भारत, मधुकांत
लाइव 7
इटली में यौन हिंसा नये सिरे से परिभाषित, सहमति पर जोर
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