बारां 07 नवंबर (लाइव 7) राजस्थान में बारां जिले में 11 नवंबर को होने वाले अंता विधानसभा उपचुनाव में चुनाव प्रचार पूरा परवान चढ़ा हुआ हैं और सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं मुख्य विपक्ष कांग्रेस एवं अन्य प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार जोरशोर से चल रहा है वहीं पिछले सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भाजपा को पाचं सीटों पर जीत दिलाकर राजनीति के नये जादूगर के रुप में उभरे मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा पर इस उपचुनाव में भी सबकी नजरे टिकी हुई हैं।
अंता उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन, कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं निर्दलीय नरेश मीणा सहित कुल 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं और भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मुख्यमंत्री श्री शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठोड़, उपमुख्यमंत्री डा चंद बैरवा सहित कई भाजपा नेता चुनाव प्रचार में लगे हैं। गुरुवार को श्री शर्मा एवं श्रीमती राजे ने अंता के मांगरोल में रोड शो किया था। इसी तरह कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन मे पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट, नेता प्रतिपक्ष टीका जूली सहित कई नेता चुनाव प्रचार में लगे हैं जबकि इस बार भी किसी राजनीतिक दल से टिकट नहीं ले सके निर्दलीय नरेश मीणा भी अपने समर्थकों के साथ जोरशोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।
अंता उपचुनाव में मुख्यमंत्री श्री शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ एवं श्रीमती राजे के पुत्र एवं झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह की चुनावी साख दांव पर लगी हुई हैं। इसी तरह कांग्रेस नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आदि की चुनावी साख दांव पर हैं लेकिन इस उपचुनाव में सबकी नजर श्री शर्मा पर टिकी हुई हैं कि पिछले सात उपचुनाव में भाजपा के चार बागियों के विरोधी सुर थाम कर पार्टी को पांच सीटों पर ऐतिहासिक जीत दिलाकर राजनीति के नये जादूगर कहलाये जबकि सियासत के जादूगर कह जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन उपचुनावों में कहीं जादू नजर नहीं आया। भाजपा को इस उपचुनाव में भी श्री शर्मा का जादू चलने की पूरी उम्मीद है।
इस बार भी अंता उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ भाजपा के जिला महामंत्री और पूर्व विधायक पाल मेघवाल ने अपना पर्चा दाखिल कर दिया था लेकिन श्री शर्मा की सूझबूझ एवं समझाइश से श्री मेघवाल ने अपना पर्चा वापस ले लिया और वह पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव प्रचार में जुट गये। इस प्रकार इस उपचुनाव में श्री शर्मा की पहली सफलता मानी जा रही है। श्री शर्मा को पहली बार विधायक बनते ही पहली बार में मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ और वह इस पर उस समय खरे उतरे जब गत वर्ष 13 नवंबर को राज्य की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ और उसमें वह अपनी पार्टी को पांच सीटों पर जीत दिलाने में कामयाब रहे। श्रीमती राजे जैसी दिग्गज नेताओं के सामने मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलने के बाद पार्टी के बड़े नेताओं सहित सभी को साथ लेकर चलना और प्रदेश में विकास की एक से बढ़कर एक योजनाओं का लाना उनके लिए बड़ी चुनौती थी जिन पर वह खरे उतरे और राजनीति के जादूगर कहलाने लगे हैं। भाजपा नेताओं का दावा है कि भजनलाल सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश में कही भी सत्ता विरोधी लहर नहीं हैं और विपक्ष अब तक ऐसा बड़ा मुद्दा एवं आंदोलन भी खड़ा नहीं कर पाई कि जो सरकार के खिलाफ हो।
इस उपचुनाव में श्री शर्मा और श्रीमती राजे एक साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं और इससे क्षेत्र में एक बड़ा संदेश गया हैं। श्री शर्मा ने चुनाव प्रचार में अंता उपचुनाव को भाजपा के विकास और कांग्रेस के भ्रष्टाचार के बीच बताया है जबकि कांग्रेस नेता चुनाव प्रचार में भजनलाल सरकार पर पिछले दो साल में कानून व्यवस्था बनाये रखने में विफल सहित कई आरोप लगा रहे हैं।
बिहार चुनाव के कारण राजस्थान के नेता भी वहां चुनाव प्रचार में लगे हुए थे और अब अंता उपचुनाव में लगने पर चुनाव प्रचार में और उफान आने की संभावना है। हालांकि अब चुनाव प्रचार दो दिन का ही शेष बचा हैं।
जोरा
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अंता उपचुनाव में भी सबकी नजरे भजनलाल पर टिकी
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