मुंबई, 13 अगस्त (लाइव 7) बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री वैजयंती माला ने शानदार अभिनय से दर्शकों को दीवाना बनाया है।
तमिलनाडु में 13 अगस्त को जन्मीं वैजयंती माला ने अपने सिने करियर की शुरुआत वर्ष 1949 में प्रदर्शित तमिल फ़िल्म वड़कई से की थी।वैजयंती माला की मां वसुंधरा देवी 1940 के दशक में तमिल सिनेमा की एक प्रमुख अभिनेत्री थीं।वर्ष 1951 में प्रदर्शित फिल्म बहार से वैजयंती माला ने बॉलीवुड में पदार्पण किया।वर्ष 1954 में प्रदर्शित फिल्म नागिन वैजयंती माला के सिने करियर की पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुयी।
वर्ष 1955 में प्रदर्शित फिल्म देवदास वैजयंती माला के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है।विमल राय के निर्देशन में शरतचंद्र के उपन्यास पर बनी इस फिल्म में वैजयंती माला ने चंद्रमुखी के किरदार को रुपहले पर्दे पर साकार किया है।इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयीं।वर्ष 1958 में प्रदर्शित फिल्म साधना वैजयंती माला के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार है।बी.आर.चोपड़ा निर्मित-निर्देशित फिल्म साधना में वैजयंती माला अपने करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त करने में सफल रहीं।
वर्ष 1958 में ही प्रदर्शित फिल्म मधुमती वैजयंती माला के करियर की एक और उल्लेखनीय फिल्म साबित हुयी।विमल राय निर्मित यह फिल्म पुनर्जन्म पर आधारित थी।इस फिल्म में वैजयंती माला ने तिहरी भूमिका निभाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया।इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयीं।वर्ष 1964 में प्रदर्शित फिल्म संगम वैजयंती माला के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित हुयी। राजकपूर निर्मित-निर्देशित संगम त्रिकोणीय पर आधारित थी। इस फिल्म में उनकी जोड़ी राज कपूर और राजेन्द्र कुमार के साथ सराही गयी।फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वैजयंती माला सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित की गयीं।
वैजयंती माला ने अपने करियर के दौरान सभी बड़े कलाकारों के साथ काम किया।इनमें दिलीप कुमार, राज कपूर, देवानंद, राजेन्द्र कुमार और सुनील दत्त शामिल हैं। वैजयंती माला की जोड़ी सर्वाधिक राजेन्द्र कुमार के साथ पसंद की गयी। उन्होंने वर्ष 1968 में डा. चमनलाल बाली से शादी कर ली और इसके बाद फिल्मों में काम करना बंद कर दिया। वर्ष 1969 में उनकी अंतिम फिल्म प्रिंस प्रदर्शित हुयी।
वैजयंती माला ने अपने करियर में हिंदी फिल्मों के अलावा तेलगू, तमिल और बंगला फिल्मों में भी अभिनय किया। उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये उन्हें पदमश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद वैजयंती माला ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया और लोकसभा की सदस्य बनीं। इसी साल उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। वैजयंती माला इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय नहीं हैं।
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शानदार अभिनय से दर्शकों को दीवाना बनाया वैजयंती माला ने
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