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नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि महिला सशक्तीकरण सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं और इसके लिए क्रांतिकारी कदम उठाये जा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने बजट सत्र के दौरान संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि बेटे-बेटी को समानता का दर्जा देते हुए सरकार ने महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरुषों के समान 21 वर्ष करने का विधेयक संसद में प्रस्तुत किया है।
उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना की सफलता महिला सशक्तीकरण का उदाहरण है। मुद्रा योजना के माध्यम से देश की माताओं-बहनों की उद्यमिता और कौशल को बढ़ावा मिला है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पहल के अनेक सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं और विद्यालयों में प्रवेश लेने वाली बेटियों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि हुर्ह है। उन्होंने कहा कि सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से, विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिस-कर्मियों की संख्या में, 2014 के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा सभी 33 सैनिक स्कूलों में बालिकाओं का प्रवेश आरंभ हो चुका है। सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में भी महिला कैडेट के प्रवेश को मंजूरी दी है। महिला कैडेट का पहला बैच एनडीए में जून 2022 में प्रवेश करेगा। सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से विभिन्न पुलिस बलों के महिला पुलिस कर्मियों की संख्या में 2014 के मुकाबले दुगुनी से ज्यादा वृद्धि हो चुकी हैं।
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