क्या शिवराज और वसुंधरा को बीजेपी देगी नई जिम्मेदारी ?
शिवराज ,वसुंधरा और रमन सिंह लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव !
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दिल्ली डेस्क
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम तो तीन दिसंबर को आने हैं लेकिन राजनीतिक हलकों म इ इस बात को लेकर चर्चा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पार्टी कोई बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है। हालांकि इस सूचि में छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का भी नाम है लेकिन उनके बारे में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में कई और तरह की बातें भी चल रही है। इन तीन ो बड़े नेताओं को क्या जिम्मेदारी मिलेगी इसको लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं।
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भोपाल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगर बीजेपी इस बार के विधान सभा चुनाव में भी जीत दर्ज करती है तो किसी भी सूरत में शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जायेगा। सूत्र का कहना है कि शिवराज को केंद्र में ले जाने की बात की जा रही है। उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। बीजेपी की सोंच है कि शिवराज को लोकसभा चुनाव के लिए तैयार किया जा सकता है। मकसद एक ही है कि शिवराज खुद भी चुनाव जीतें और कुछ और लोकसभा उम्मीदवार को जीत दिलाने में मददगार साबित हों।
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पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मध्यप्रदेश में बड़ी सफलता मिली थी। राज्य की एक सीट छोड़कर अधिकतर सीटें बीजेपी के पास चली गई थी। बीजेपी को लग रहा है कि शिवराज को मैदान में उतरने से लोकसभा सीट जीतने में पार्टी को लाभ हो सकता है।
उधर कुछ इसी टगरह की सोंच और समझ राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर भी बीजेपी के भीतर बन रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व इस बात पर सहमत हुआ है कि वसुंधरा को भी केंद्र में लाया जाए। अगर राजस्थान में भी बीजेपी की जीत होगी तो किसी और चेहरे को सीएम घोषित किया जा सकता है। अगर पार्टी सरकार बनाने में सफल नहीं भी होती है तब भी वसुंधरा को केंद्र में लाया जाएगा और उन हे लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है।
वैसे भी मध्यप्रदेश और राजस्थान में बीजेपी शिवराज और वसुंधरा के चेहरे पर इस बार चुनाव नहीं लड़ रही है। इन दोनों राज्यों के साथ ही बीजेपी पार्टी चुनाव चिन्ह और पीएम मोदी के नाम पर ही चुनावी मैदान में है। खबर के मुताबकि शिवराज और वसुंधरा भी इस बात को समझ रहे हैं। ऐसे में वसुंधरा और शिवराज के लिए यह चुनाव फैसले की घडी वाली है। या तो केंद्र की राजनीति कर सकते हैं या फिर पार्टी उनकी जो इच्छा होगी उसके मुताबिक पार्टी कोई निर्णय ले सकती है।
रमन सिंह की भी यही कहानी है। रमन सिंह तीन बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हालांकि उनकी इच्छा ा भी भी राज्य में बने रहने की है लेकि पार्टी उनके बारे में भी यही सोंच रख रही है कि पार्टी इस बार अगर चुनाव जीत भी जाती है तो किसी नए नेता के हाथी में छत्तीसगढ़ की बागडोर दी जा सकती है। और अगर छत्तीसगढ़ में बीजेपी चुनाव जीतने में सफल नहीं होती है तो रमन सिंह को भी लोकसभा चुनाव में उतारा जायेगा।
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