पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने क्यों की ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की वकालत ?
कोविंद ने कहा अगर यह सब लागू हो जाता है तो देश का भला होगा
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दिल्ली डेस्क
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वन नेशन वन इलेक्शन की वकालत करते हुए कहा है कि बदलते परिवेश में इसकी जरूरत है। अगर यह लागू हो जाता है कि तो इससे देश का धन बचेगा जिसे विकास के कामों में लगाया जा सकता है। रायबरेली में एक कार्यक्रम में आये कोविंद ने कहा कि चुनाव के नाम पर बहुत से धन खर्च होते हैं और अगर यह सब लागू हो जाता है तो देश का भला होगा। यह जरुरी भी है।
कोविंद ने बताया कि इस सम्बंध में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है जिसके अध्यक्ष वे खुद हैं। वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बहुत सी समितियों की रिपोर्ट आई है यहां तक कि पार्लियामेंट्री कमेटी, नीति आयोग और चुनाव आयोग की भी रिपोर्ट है जिसमे इस परम्परा की आवश्यकता बताई गई है। इस प्रक्रिया से एक समय मे सारे चुनाव होने से सरकारी मशीनरी और कोष पर अलग से बोझ नही पड़ेगा क्योंकि अलग अलग समय पर चुनाव होने से सरकारी मशीनरी और सरकार के कोष पर भारी बोझ पड़ता है।
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कोविंद ने कहा कि वे इस पर तमाम लोगों के साथ मिल कर व उनकी राय लेकर काम कर रहे है और लगभग सभी राजनीतिक दलों से इस सम्बंध में चर्चा की है। कभी न कभी कभी तमाम राजनीतिक दलों ने इसका आगे पीछे समर्थन भी किया है। पूर्व राष्ट्रपति का कहना है कि यह राष्ट्र हित का मुद्दा है और वे इसपर सकारात्मक प्रयास कर रहे है।
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया अगर लागू होती है तो इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और इससे जनता को लाभ होगा। पूर्व राष्ट्रपति और राज्य के अतिथि होने के नाते कोविंद को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार अपर जिलाधिकारी प्रशासन और अपर पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कार्यक्रम में शिरकत कर साढ़े तीन बजे पूर्व राष्ट्रपति लखनऊ के लिये रवाना हो गए।
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