Live 7 Bharat
जनता की आवाज

जब जागो तब सवेरा की तर्ज पर प्रशासन कर रहा  अवैध मांइनिंग पर रोकथाम को लेकर काम

- Sponsored -

 बालू पत्थरो  के अवैध परिवहन पर रोक के लिए अब बेनाकूडा में चेकपोस्ट होगा क्रियाशील
राम प्रसाद सिन्हा

- Sponsored -

पाकुड़।अवैध मांइनिंग के खिलाफ शासन प्रशासन की कार्रवाई जिले में जब जागो तब सवेरा की तर्ज पर हो रहा है यही वजह है कि रात ही नही दिन के उजाले में भी पत्थरो एवं बालू का अवैध परिवहन थमने के बजाय परवान चढ़ रहा।अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि अवैध परिवहन  पर रोक लगाने वाले चेकपोस्ट में प्रतिनियुक्त कर्मी  तक ड्यूटी से नदारत मिल रहे,।इतना ही नही अवैध मांइनिंग के आरोप में जप्त पत्थर से लदे वाहनों को पुलिस कस्टडी से भगाकर ले जाने वाले माफिया जन प्रतिनिधियों एवं राजनीतिक दलों के मंच की शोभा बढ़ा रहा और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे अपनी किरकिरी एवं जगहंसाई करा रहा।अवैध मांइनिंग पर रोक लगाने के मामले में प्रशासन पर शुरू से ही दोहरे मापदंड अपनाने के आरोप लगते रहे है।
IMG 20220723 WA0007

- Sponsored -

वैध तरीके से पत्थरो का उत्तखनन परिवहन करने वाले व्यवसायियों का तो साफ कहना है कि प्रशासन रशुख वाले पत्थर कारोबारियों जो मेवा एवं सेवा की वर्षा कर रहे उन्हें अवैध पत्थर उत्तखनन, सम्प्रेषण की न केवल छूट दी गयी  बल्कि अवैध परिवहन के लिए सेफ जोन मुहैया कराने में कोई कोर कसर नही छोड़ा गया।वैध पत्थर कारोबारियो के इस आरोप में दम भी है इस वजह से की एनजीटी के आदेश के बाद भी बालू का उठाव एवं परिवहन ही नही अवैध तरीके से पत्थरो का परिवहन जिले के सभी प्रखंडो में कमोवेश हो रहा है।प्रसासन की पत्थर माफियाओं पर ढीली पकड़ का ही नतीजा है कि पाकुड़िया प्रखंड के गोलपुर मौजा की वन भूमि को सड़क के रूप में मेसर्स ग्रेड्स मांइनिंग न केवल महीनों से इस्तेमाल कर रहा बल्कि वन विभाग के आदेश को ठेंगा भी दिखा रहा।प्रशासन की अवैध माइनिंग के खिलाफ कार्रवाई में दोहरा मापदंड के लग रहे आरोप का एक आश्चर्यजनक  पहलू यह भी है कि सीएम के सख्त निर्देश के बाद जिले से सटी दुसरे जिलों एवं राज्यो की सीमा पर चेकपोस्ट अधिष्ठापित किया गया सिर्फ बेनाकूड़ा को छोड़कर।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बेनाकूडा पर चेक पोस्ट नही लगाए जाने का सबसे ज्यादा फायदा  मेसर्स ग्रेड्स मांइनिंग ने पत्थरो को बिना मांइनिंग के पश्चिम के रास्ते  ले जाने के दौरान अबतक उठाया है।सूत्रों का तो दावा है कि मेसर्स ग्रेड्स मांइनिंग में पार्टनर सीएम के रिस्तेदार   हैं इसलिए वन भूमि का इस्तेमाल करने,बेनाकूडा में चेकपोस्ट नही लगाने का काम प्रसासन के स्तर से किया गया।सूत्र का तो यह भी कहना है कि मेसर्स ग्रेड्स  मांइनिंग को फायदा पहुचाने के लिए ही जानबूझकर बेनाकूडा में चेकपोस्ट लगाने का प्रस्ताव पाकुड़िया सीओ के स्तर से नही भेजा गया।देर से ही सही बीते 22 जुलाई को निरीक्षण के दौरान डीसी वरुण रंजन ने झारखण्ड  बंगाल सीमा पर गुजरने वाली ब्राह्मणी नदी पर बने पुल से  अवैध     बालू पत्थरों के परिवहन पर रोक लगाने के लिए बेनाकूडा में चेकपोस्ट अधिष्ठापित कर निगरानी रखने का निर्देश पाकुड़िया सीओ को दिया है।इस मामले में जब जागो तब सवेरा की प्रशासन की नीति की खूब चर्चा हो रही है।लोगो मे यह चर्चा भी जोरो पर है कि आखिर जब जिले में दर्जनो चेक पोस्ट लगाये गये तो फिर बेनाकूडा में चेक पोस्ट क्यो नही अधिष्ठापित किया गया।सूत्रों की माने तो प्रतिदिन सौ से अधिक पत्थरो से लदे वाहनों से बिना मांइनिंग के बेनाकूडा के रास्ते पिनागढिया रेलवे साइडिंग  पत्थरो को ले जाने का काम किया गया जिसके चलते करोड़ो रूपये के राजस्व की छति  सरकार को उठानी पड़ी है।नाम न छापने की शर्त पर कुछ पत्थर व्यवसायियों ने बताया कि बीते दो माह का लेखा जोखा पिनरगढ़िया रेलवे साइडिंग  से पत्थरो की रेलमार्ग से हुई ढुलाई का ले लिया जाय तो रॉयल्टी चोरी के बहुत बड़े मामले का खुलासा होगा। बहरहाल देर से ही सही बेनकुड़ा  में चेक पोस्ट लगाने के जिला प्रशासन के फैसले की वैध कारोबारी सराहना के साथ यह भी कहने से नही थक रहे कि अब पछताये होत का जब चिड़ियां चुग गई खेत।
Looks like you have blocked notifications!

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.

Breaking News: