पश्चिमी सिंहभूम: जल मीनार बना सफेद हाथी, लूट, भ्रष्टाचार ,कमीशन खोरी की भेंट चढ़ी यह महत्वाकांक्षी योजना
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जिले में लगभग 2450 जल मीनार, जिसमें 70 से 80 प्रतिशत ने पानी उगलना किया बंद,
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट ,नदी नाले का गंदा पानी पीने को विवश ग्रामीण
ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है जल मीनार की सुविधा, योजना में भारी लूट, कमीशन खोरी हुआ है : मुंडा
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राजीव सिंह “बुलबुल”
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चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पंचायती राज व्यवस्था, जिला परिषद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से करोड़ों अरबों की राशि से सोलर जल मीनार की योजना बनाई गई थी जो सफेद हाथी बन कर रह गया है जल मीनार की अधिकांश योजना लूट भ्रष्टाचार कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गया है आलम हालात यह है कि 70 से 80 प्रतिशत जल मीनार की योजनाएं दम तोड़ चुकी है पानी उगलना बंद कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भीषण पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है और लोगों को ग्रामीणों को नदी नाले का गंदा पानी पीने को विवश होना पड़ रहा है , ग्रामीण नदी नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।पंचायती राज व्यवस्था के लागू होने के बाद पंचायतों के मुखिया द्वारा अपने-अपने पंचायत के विभिन्न गांव में पेयजल सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए सोलर जल मीनार लगवाया गया है।14 व 15वें वित्त की राशि से लगभग 2000 से अधिक सोलर जल मीनार विभिन्न पंचायतों में लगाए गए हैं। लेकिन आज उन जल मीनारों की स्थिति बहुत ही खराब है. कुछ जल मीनारों ने पानी देना ही बंद कर दिया है, तो कुछ के प्लेट तो किसी के स्टार्टर खराब हो गए हैं।लेकिन इसे ठीक करवाने की जिम्मेवारी ग्राम पंचायत के मुखिया भी नहीं ले रहे हैं. जल मीनारों को ठीक करवाने के नाम पर बताया जा रहा है कि उनके पास फंड की कमी है।झींकपानी प्रखंड के जिप सदस्य जॉन मिरन मुंडा ने बताया कि पंचायतों के माध्यम से जितने भी जल मीनार लगाए गए हैं, उसमें से कुछ को छोड़कर अधिकांश का फायदा ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। उनमें अनेक समस्याएं हैं, जिसको न तो पूर्व के मुखिया ने ठीक कराया और न ही वर्तमान के मुखिया ने, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार भी स्तर पर करोड़ों अरबों की इस महत्वकांक्षी योजना में भारी पैमाने पर लूट भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी का खेल हुआ है जिसके कारण सभी योजनाओं की स्थिति बद से बदतर है सभी अधिकांश योजनाएं जल मीनार खराब पड़ी हैं। टोन्टो प्रखंड के पूरनापानी पंचायत के पूरनापानी गांव के टोला मुंडा बस्ती में मुखिया फंड से निर्मित सोलर जल मीनार पूरी तरीके से बेकार हो गया है। लंबे समय से खराब जल मीनार को ठीक कराने का प्रयास नहीं किया गया. जिसका नतीजा यह है कि सोलर जल मीनार से पानी नहीं मिल रहा. साथ ही आसपास के हैंडपंप ने भी काम करना बंद कर दिया है. पानी को लेकर बहुत समस्या हो गई है।
पीएचईडी ने भी लगवाया 450 से अधिक जल मीनार
विदित हो कि पेयजल स्वच्छता प्रमंडल चाईबासा द्वारा विभिन्न पंचायतों में लगभग 450 से अधिक सोलर जल मीनारों को लगवाया गया है। जिसे पंचायतों और विभाग के सहयोग से लगाया गया था। लेकिन इसमें भी गड़बड़ी की आशंका को लेकर इसकी जांच की मांग हमेशा उठती रही है. हालांकि, ज्यादातर जल मीनार पंचायतों में मुखिया के देखरेख में बनवाया गया था। इस कारण इस पर जांच-पड़ताल करने की कोई भी अधिकारी जहमत उठाना नही चाहता, क्योंकि ऊपर से लेकर नीचे तक अधिकारियों अभियंताओं जनप्रतिनिधियों मुखिया के साठगांठ से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की इस महत्वकांक्षी योजना का बेड़ा गर्क हुआ है। लूट भ्रष्टाचार कमीशन खोरी भारी पैमाने पर हुई है। जिसका जीता जागता मिसाल जल मीनार, लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना खुद गवाही दे रहा है।
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