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कमजोर नेटवर्क बड़ी परेशानी, सरकार करें मेहरबानी

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पेशरार के अधिकांश इलाकों में इंटरनेट तो दूर फोन पर बात करना भी मुश्किल
विकेश महतो 
पेशरार-लोहरदगा: अति नक्सल प्रभावित पेशरार प्रखंड में कमजोर नेटवर्क के कारण इलाके के अधिकांश क्षेत्रों में इंटरनेट चलाना तो दूर, यहां पर उपभोक्ता फोन पर बात करने को तरसते हैं। उपभोक्ता आधुनिक युग में एंबुलेंस सहित अन्य सरकारी सेवाओं का लाभ लेने के लिए मोबाइल नेटवर्क ढूंढने की जद्दोजहद में रहते हैं। वहीं, व्यापार के अलावा टूरिज्म पर बुरा असर पड़ रहा है। बावजूद इस समस्या के समाधान पर अब तक सकारात्मक पहल नहीं किया जा रहा है। कमजोर मोबाइल नेटवर्क और स्लो इंटरनेट सेवाओं के चलते भारत सरकार की कैशलेस योजना भी दम तोड़ती नजर आ रही है। समस्या से सबसे अधिक परेशान छात्र हैं।स्थानीय युवाओं का कहना है कि टूरिस्ट हब के रूप में उभरने वाला पेशरार हील एरिया का लावापानी जलप्रपात, निंदी घाघ जलप्रपात और धरधरिया जलप्रपात जैसे कई नयनाभिराम प्राकृतिक सौंदर्य मौजूद हैं। ये सभी टूरिज्म क्षेत्र जिला मुख्यालय से मात्र 40-45 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं, वहां पर भी मोबाइल नेटवर्क की लचर सेवाएं हैं। जबकि पेशरार के बगल में लातेहार व गुमला जिले के दुर्गम क्षेत्रों में भी मोबाइल नेटवर्क सेवाएं काफी बढ़िया हैं। वर्तमान में सिर्फ बीएसएनएल की सेवाएं चालू है। वह भी सभी जगह पर नहीं पकडता। यहां पर पेशरार मुख्यालय पर भी कुछ प्वाइंट पर ही नेटवर्क रहता है। नेटवर्क के लिए युवाओं को भटकना पड़ता है। कई ऐसे प्वांट हैं जहां पर लोगों को नेटवर्क पाकर बात करने के लिए पेड़ों पर चढ़ना पड़ता है। इस कारण लोग किसी तरह की डिजिटल पेमेंट भी नहीं कर पाते और इस कारण यहां पर आने से भी लोग कतराते हैं। इससे पर्यटन से जुडे़ लोगों को भारी नुकसान हो रहा है।
इन क्षेत्रों में सबसे अधिक परेशानी
इलाके में जो पंचायत सेंटर प्वाइंट पेशरार से जितनी दूर है उसमें उतनी ही नेटवर्क की समस्याएं हैं।पेशरार मुख्यालय सहित चैनपुर, दुग्गू, चंदलगी, सिंदूर, तुइमू, केरार, बुलबुल, लावापानी, बिढ़नी, रनकुली, गणेशपुर, दुंदरू,  चपाल, हेसाग, पहाड़ डांडू सहित दो दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जहां नेटवर्क नहीं के बराबर होते हैं। यदि कभी कभार नेटवर्क मिल भी जाए, तो बेहद कमजोर होने के कारण मोबाइल नेटवर्क से बात करने में काफी परेशानी होती है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को कैशलेस के बारे में जागरूक करना मजाक करने जैसा है। निवर्तमान जिला परिषद सदस्य बिनोद सिंह खेरवार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि वे कई बार जिला परिषद सहित जिला स्तरीय बैठकों में मामले को उठा चुके हैं। उपायुक्त स्तर से भी कई कंपनियों के साथ बैठक हुई है। जिला प्रशासन भी इस मामले पर गंभीर है। उन्होंने सरकार को पेशरार में तुरंत सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल समेत अन्य सभी कंपनियों को आदेश जारी कर यहां पर पर्याप्त मोबाइल सुविधा देने के आदेश जारी करने की मांग की है।
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