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जोहानसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका केखिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में भारत के कप्तान रहे लोकेश राहुल का मानना है कि टीम को पहली पारी में बड़ा स्कोर नहीं खड़ा करने की कीमत चुकानी पड़ी। मैच की समाप्ति के बाद राहुल ने कहा कि टीम पहली पारी में 60-70 रन पीछे रह गई। राहुल ने मैच के बाद प्रेजेंटेशन में कहा, कठोर होकर कहूं तो टॉस जीतने के बाद पहली पारी में हम 60 या 70 रन और बना सकते थे। ऐसा होता तो दूसरी पारी में हमारे पास 50-60 रनों की बढ़त होती और वह रन महत्वपूर्ण साबित होते। पहली पारी में राहुल के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज 50 का आंकड़ा पार नहीं कर पाया। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे रविचंद्रन अश्विन अगर 46 रनों की आक्रामक पारी नहीं खेलते तो शायद टीम 202 तक भी नहीं पहुंचती। असमतल उछाल वाली यह पिच कतई आसान नहीं थी लेकिन भारत का वह स्कोर इस पूरे मैच का न्यूनतम स्कोर रहा। साउथ अफ्रीका ने 27 रनों की बढ़त ली जिसके चलते उन्हें चौथी पारी में 240 रनों का लक्ष्य मिला। कप्तान डीन एल्गर ने एक साहसी पारी खेली, अपने शरीर पर गेंदें खाई और अंत में नाबाद 96 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। दूसरी पारी में भी भारत ने 155 पर दो विकेट की बढ़िया स्थिति से फिसलते हुए 184 के स्कोर पर छह विकेट गंवा दिए थे। गेंद के साथ दक्षिण अफ्रीका में किसी भारतीय द्वारा अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शार्दुल ठाकुर ने एक तेज-तर्रार पारी खेलकर टीम को परेशानी से बाहर निकाला। राहुल ने शार्दुल की प्रशंसा करते हुए कहा, शार्दुल के लिए यह एक बढ़िया टेस्ट मैच रहा। उन्होंने हर बार अपनी छाप छोड़ी है और हमें मैच जिताए हैं। मैं उनकी गेंदबाजी से बहुत प्रसन्न हूं। उन्होंने बल्ले से भी अहम योगदान दिया और हमें मैच जीतने का मौका दिया। ठाकुर की तूफानी पारी से पहले चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्या रहाणे ने तीसरे विकेट के लिए 111 रन जोड़े। दोनों ने ताबड़तोड़ अंदाज से बल्लेबाजी की और अपने अर्धशतक पूरे किए। इस पारी का मोल और बढ़ जाता है क्योंकि इससे पहले टीम में उनके स्थान पर सवालिया निशान उठाए जा रहे थे। टीम प्रबंधन की तरह राहुल ने भी अपने अनुभवी बल्लेबाजों का समर्थन किया। वह हमारे लिए महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने कई वर्षों तक टीम के लिए अपना योगदान दिया है, राहुल ने कहा, उनपर दबाव था लेकिन इस टीम में हमें लगता है कि वह मध्यक्रम में हमारे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। हम हमेशा उनके साथ थे और अपने प्रदर्शन से उन्होंने दर्शाया कि वह हार मानने वालों में से नहीं है। हमें पूरा विश्वास था कि वह ऐसा कर सकते हैं।
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