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संवाददाता
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लोहरदगा: सिविल सर्जन डॉ संजय कुमार सुबोध की अध्यक्षता में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की गई। बैठक में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी-1, एएनसी-2, एएनसी-3 व एएनसी-4) के सभी चरणों, संस्थागत प्रसव, प्रसव उपरांत सहिया व प्रसूता को भुगतान, टीकाकरण, परिवार नियोजन कार्यक्रम, एमटीसी आदि बिंदुओं की समीक्षा की गई। बैठक में एनएचएम डीपीएम नाजिश अख्तर, डीडीएम जाहिद, एपिडेमियोलॉजिस्ट प्रशांत चौहान, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी संबंधित चिकित्सक व अन्य उपस्थित थे। बैठक में निदेश दिये गये कि 1. एएनसी-1 में निबंधन अधिक से अधिक हो। अन्य सभी एएनसी की निगरानी भी सतत् की जाय। 2. संस्थागत प्रसव में गर्भवती के परिजन को ढाढ़स बंधायें, ताकि अनावश्यक दबाव में ना आएं। 3. जिन प्रखण्डों के अस्पतालों में बीते दो माह से सस्थागत प्रसव की रिपोर्टिंग कम आ रही है, उनके चिकित्सा पदाधिकारी कारण बताओ नोटिस दिये जाने का निदेश दिया गया। 4. संस्थागत प्रसव में सहिया को उपलब्धि के आधार पर मानदेय दिये जाने और उपलब्धि कम होने पर संबंधित स्वास्थ्य पदाधिकारी व एएनएम के वेतन पर रोक लगाये जाने का निदेश दिया गया। 5. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण का कार्यक्रम 100 फीसदी हो। 6. परिवार नियोजन के तरीकों के प्रति लोगों जागरूक किया जाय। ऑपरेशन उपरांत लाभार्थी का व सहिया का भुगतान ससमय किया जाय। 7. कोविड-19 प्रतिरक्षक टीका में सेकेंड डोज बढ़ाये जाने का निदेश दिया गया। 8. एमटीसी केंद्रों में कुपोषित बच्चों को लाने के लिए सहिया व आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका को प्रेरित किये जाने का निदेश दिया गया। जो बच्चे एमटीसी केंद्रों पर हैं उनकी सतत् निगरानी की जाय। कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें एमटीसी केंद्रों पर लायें। 9. टीबी के रोगियों की पहचान के लिए बलगम की जांच बढ़ायें। सदर अस्पताल में जांच निःशुल्क है।10. कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए सहिया को भी अच्छी तरह प्रशिक्षण दिया जाय। 11. टीबी, कुष्ठ के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू, कोविड-19, चिकुनगुनिया आदि रोगियों की भी पहचान किये जाने का निदेश दिया गया। अंत में बैठक सधन्यवाद समाप्त की गई।
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