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रेशम से बने राखी का प्रयोग करें जिलेवासी :उपायुक्त

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सिमडेगा: जिले में रक्षा बन्धन पर्व के मद्देनजर रेशम से बने राखी का उत्पादन अग्र परियोजना विभाग के द्वारा शुरू कर दिया गया है। उपायुक्त सिमडेगा सुशांत गौरव सहित अपर समाहर्ता अमरेन्द्र कुमार सिन्हा, जिला नजारत उप समाहर्ता राजेन्द्र प्रसाद सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी महेंद्र कुमार व अन्य अधिकारियों ने रेशम से बने रक्षा सूत्र को अपने कलाई में बन्धवाया।उपायुक्त सिमडेगा सुशांत गौरव ने बताया कि इस वर्ष रक्षा बन्धन में सिमडेगा जिले के अग्र परियोजना विभाग के द्वारा रेशम का रक्षा सूत्र बनाया गया है। रक्षाबंधन भाई-बहनों के बीच अटूट स्नेह का त्यौहार है। भाईयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए बहनों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार होता है। बहनें भाई के कलाई पर राखी के साथ स्नेह का डोर बांधती है। रेशम या सिल्क में एक बेहद खास बात होती है जो और किसी भी धागे में नहीं होती, वह यह कि रेशम का धागा जितना पुराना होता है, उतना हीं चमकदार होता जाता है और उसकी कीमत उतनी हीं बढ़ती जाती है। बहन अपने भाई की कलाई पर रेशम का धागा बांधते हुए यही कामना करती है कि उनका रिश्ता जितना पुराना हो उतना ही चमकदार होता जाए और उसकी कीमत हमेशा बढ़ती रहें। उन्होने जिलेवासियों को आगे आकर रेशम से बने राखी से रक्षा बन्धन मनाने की बात कही। साथ हीं उन्होने जिलेवासियों को रक्षा बन्धन पर्व को लेकर शुभकामनाएं भी दी है। रेशम से बने एक राखी का दाम – 30 रुपए है। शहरी के महाबीर चौके पर स्टॉल लगाकर इसका बिक्रय किया जा रहा है।
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