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बेड़ो : बदहाल सड़क की दुर्दशा से जूझ रहे छात्र-छात्राओं के साथ हजारों श्रद्धालु और राहगीर

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कई वर्षों से ग्रामीणों की मांग के बाद भी सड़क की बदहाली हकीकत बयां कर रही
दशकों बाद भी सड़क पर जलजमाव की समस्या का समाधान नहीं हुआ
बेड़ो : सिस्टम का भी अजब हाल है, एक ओर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क का जाल बिछाने के दावे कर रही है। वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार इन दावों को पलीता लगाते दिख रहे हैं। प्रखंड मुख्यालय के नाक कहे जाने वाली महावीर चौक के बगल से ऐतिहासिक महादानी मंदिर, पंचायत सचिवालय, प्लस टू, प्रोजेक्ट बालिका, कस्तूरबा बालिका, मॉडल विद्यालय, राजकीय मध्य बालक व बालिका आधा दर्जन स्कूल व दर्जनों गांव जाने वाली सड़क का हाल बेहाल हैं।

सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण सड़क की स्थिति काफी जर्जर और बदहाल है। इस सड़क पर हुए गड्ढे हल्की बारिश में भी सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है। जिम्मेदारों द्वारा पिछले कई वर्षो से मरम्मत के नाम पर पक्की सड़क पर सिर्फ मोरम व डस्ट डालकर लीपापोती कर दिया जाता है। सही तरीके से मरम्मत के अभाव में सड़क लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। कई बार इस मार्ग को बनवाने के लिए बेड़ो वासियों ने मांग किया लेकिन आज तक लोगों को सिर्फ आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। और इस मार्ग की सूरत नहीं बदली।

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जबकि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गांव में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। लेकिन इस सड़क पर किसी का ध्यान ही नहीं है। प्रखंड मुख्यालय सहित हाईवे 23 को जोड़ने वाले इस मार्ग को प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाया गया था। लेकिन पानी निकासी की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण हालत यह हो गई है कि मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गया है। और हल्की बारिश में ही सड़क पर कीचड़ व जलजमाव से आमजनो के साथ स्कूली छात्र-छात्राओ को भी आना जाना होता है। इस सड़क पर बड़े-बड़े गढ्ढे है जिस कारण दिन के उजाले में भी इस सड़क पर आवागमन करने में परेशानी होती हैं।

जबकि प्रतिदिन सैंकडों लोग इस सड़क के माध्यम से अपनी रोजमर्रा की सामानों की खरीदारी व पूजा करने अस्पताल, स्कूल,पंचायत सचिवालय,प्रखंड मुख्यालय व थाना जाने के लिए आवागमन करते हैं। सड़क पर कीचड़ और पानी जमा होने के कारण दो पहिया वाहन चालक और पैदल चलने वाले लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही हैं। लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। लेकिन सड़क में जलजमाव की समस्या दूर करने के लिए अभी तक कोई सार्थक उपाय नहीं किया गया है। जबकि जिम्मेदारों द्वारा विकास का ढिंढोरा पीटा जा रहा।वहीं झारखंड बनने के दो दशक बाद भी सड़क की जलजमाव व कीचड़ की समस्या से ग्रामीण जूझ रहे है। बेड़ो वासियों ने शासन प्रशासन से मांग की है, कि अगर शीघ्र ही सड़क नही बनाई गई, तो उन्हे आंदोलन का मार्ग अपनाना होगा।

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