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मुख्यमंत्री ने संविदा के आधार पर चयनित 217 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों को दिया नियुक्ति पत्र
मानदेय के अलावे आयुष चिकित्सकों को मिलेगा हर माह 15 हजार रूपये इंसेंटिव
नियुक्ति पत्र पाने वालों में 162 होम्योपैथिक, 35 आयुर्वेदिक व 20 यूनानी डॉक्टर
रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में सरकार निरंतर आगे बढ़ रही है। झारखंड में यूनानी, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा प्रक्षेत्र में पढ़ाई सुनिश्चित हो इसके लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी आयुष चिकित्सा पद्धति का लाभ मिल सके इसके लिए 217 आयुष प्रक्षेत्र के डॉक्टरों को अनुबंध आधारित नियुक्ति पत्र मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा, आज एक नई पीढ़ी इस व्यवस्था को बढ़ाने का प्रयास कर रही है। चिकित्सकों की नियुक्ति के माध्यम से सुदूरवर्ती ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक रखने को लेकर चिंतन करती रहती है। फिर भी ठीक नहीं हो पाती है। सरकार के आप अंग हैं। बेहतर से बेहतर काम करेंगे। सरकार आपको इंन्सेटिव भी देगी। सैलरी के अलावे हर महीने 15 हजार इंसेंटिव दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने सोमवार को झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत झारखंड आयुष प्रक्षेत्र के संविदा आधारित चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों का नियुक्ति प्रमाण पत्र वितरण समारोह में ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वास्थ्य सेवा से संबंधित तीन एप का शुभारंभ किया। इसके अंतर्गत आयुष योगा एप, आयुष पेशेंट मॉनिटरिंग एप तथा जीवन दूत एप शामिल हंै। इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव-सह-प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का व सचिव विनय चौबे, आयुष के नोडल अधिकारी भुवनेश प्रताप सिंह, श्री सत्य साईं हार्ट हॉस्पिटल के प्रतिनिधि सहित आयुष प्रक्षेत्र के नवनियुक्त सभी डॉक्टर्स उपस्थित थे।
आयुष चिकित्सा पद्धति आज भी काफी प्रभावी
सीएम ने कहा, आयुष चिकित्सा पद्धति आज भी उतनी ही प्रभावी है, जितनी प्राचीन काल में थी। विशेषकर झारखंड के लिए आयुष एक बेहतर चिकित्सा पद्धति साबित हो सकती है। आयुष पद्धति जल, जंगल, जमीन, पठार, नदी- नाले और पहाड़ से घिरे इस आदिवासी बाहुल्य प्रदेश के लिए खास मायने रखती है। यहां के लोगों का प्रकृति से गहरा जुड़ाव रहा है। प्राकृतिक तरीके से वे इलाज कराते आ रहे हैं। ऐसे में आज के समय में आयुष चिकित्सा पद्धति यहां के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस पद्धति से छोटी-बड़ी बीमारियों का तो इलाज होता ही है। इसके साथ बेहतर स्वास्थ्य जीवन और शरीर को तंदुरुस्त रखने के प्राकृतिक तौर-तरीकों को हम जानते तथा सीखते हैं। यह चिकित्सा पद्धति पहले भी प्रभावी थी, आज भी है और आगे भी रहेगी। आज का दिन हम सभी के लिए काफी अहमियत रखता है। पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत यूनानी, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सकों की नियुक्ति सरकार के द्वारा की गई है। उम्मीद है कि इनकी नियुक्ति से राज्य में आयुष चिकित्सा प्रणाली को कारगर बनाने के साथ लोगों को इसका बेहतर लाभ पहुंचाने में कामयाब होंगे। यूनानी, आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जब आधुनिक तकनीकी चिकित्सा पद्धति की परिकल्पना नहीं हुई थी। तब से यह पद्धति चली आ रही है। निश्चित रूप से राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र लिए आज ऐतिहासिक दिन है। सीएम ने उपस्थित आयुष प्रक्षेत्र के सभी नवनियुक्त डॉक्टरों को बधाई एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। सभी नवनियुक्त आयुष डॉक्टर्स के प्रति भरोसा जताते हुए कहा कि आप जहां भी कार्यरत रहेंगे वहां अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी ईमानदारी और कर्मठता से करेंगे ऐसा मुझे विश्वास है।
प्रतिवर्ष झारखंड के 1000 हार्ट मरीजों का मुफ्त इलाज गुजरात में होगा
इस अवसर पर झारखंड सरकार और श्री सत्य साई हॉस्पिटल के बीच एमओयू हुआ। एमओयू के अंतर्गत प्रतिवर्ष झारखंड के एक हजार हार्ट मरीजों का मुफ्त इलाज गुजरात के श्री सत्य साई हॉस्पिटल में होगा। झारखंड सरकार इन मरीजों के यात्रा पर प्रति मरीज 10 हजार रुपया खर्च करेगी। मुख्यमंत्री ने इसे एतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि इस एमओयू से श्री सत्य साई हॉस्पिटल राजकोट और अहमदाबाद में झारखंड के युवा तथा वयस्कों का मुफ्त हार्ट का इलाज होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैसे के अभाव में जो लोग इलाज नहीं करा पाते हैं ऐसे में यह व्यवस्था उनके लिए मील का पत्थर साबित होगा।
देवदूत के रूप में लोगों को चिकित्सा उपलब्ध कराएं : बन्ना गुप्ता
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने नवनियुक्त चिकित्सकों से अपील किया कि आप जहां कार्यरत रहे वहां मरीजों का इलाज मुस्कुराता चेहरा और मधुरवाणी के साथ करें ताकि लोगों को लगे कि आप उनके परिवार के ही सदस्य हैं। जब आप आत्मीयता के साथ मरीजों का चिकित्सा करेंगे तो उनकी आधी बीमारी आपके द्वारा उन्हें छू लेने से ठीक हो जाएगी। आयुष प्रक्षेत्र का बहुत बड़ा दायरा है। आयुष पद्धति लोगों को बड़ी बीमारी होने से पहले ही बचाती है। आप सभी आयुष प्रक्षेत्र के नवनियुक्त डॉक्टर्स मुख्यमंत्री के द्वारा भेजे गए देवदूत के रूप में लोगों के बीच चिकित्सा उपलब्ध कराने का कार्य करें।
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