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स्वीडन के स्टॉकहोम में कुरान जलाने की विवादास्पद घटना के बाद तुर्की के लगभग 92.5 प्रतिशत नागरिकों ने देश की ओर से स्वीडन को नाटो की सदस्यता के लिए समर्थन दिये जाने के खिलाफ आवाज उठायी है।
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यह सर्वेक्षण ट्विटर के माध्यम से किया गया और इसमें 50,155 लोगों ने हिस्सा लिया। समाचार एजेंसी ‘अनादोलू’ ने कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे स्वीडिश अधिकारियों के समक्ष पेश किए जाएंगे।
रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ चलाए गए एक सैन्य अभियान शुरू होने के तीन महीने बाद, 18 मई को स्वीडन और फिनलैंड ने दशकों की अपनी तटस्थता का त्याग करते हुए नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन किया था। हंगरी और तुर्की को छोड़कर सभी नाटो सदस्यों ने उनके प्रवेश की पहले ही पुष्टि कर दी है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कल कहा कि स्वीडन को नाटो में शामिल होने की कोशिश करते समय तुर्की से समर्थन प्राप्त होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए क्योंकि देश के धुर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों की अनुमति से स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के सामने कुरान की एक प्रति जला दी थी।
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