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अगरतला : त्रिपुरा के विपक्षी दलों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को उनके दावों के लिए फटकार लगाई कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले किए गए सभी वादों को पूरा किया है और राजनीतिक ंिहसा शून्य हो गयी है।
कांग्रेस के एकमात्र विधायक सुदीप रॉयवर्मन ने कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि श्री नड्डा जैसे बड़े नेता ने ऐसी टिप्पणी की है। त्रिपुरा के लोगों ने अब महसूस किया है कि भाजपा जनता को बेवकूफ बनाने के लिए सुनियोजित ‘झूठ’ का सहारा लेती है।
श्री रॉयवर्मन ने कहा, ‘‘देश में राजनीतिक ंिहसा के मामले में त्रिपुरा शीर्ष पर है। राज्य में विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने वाले लोगों को प्रताड़ति किया जाता है। उनके घरों में तोड़फोड़ की जाती है, परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की जाती है और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है। भाजपा के गुंडों ने मेरे सहित विपक्षी कार्यकर्ताओं और नेताओं तथा विधायकों पर पांच हजार से अधिक ऐसी घटनाएं की हैं।’’ श्री रॉयवर्मन ने रेखांकित किया कि भाजपा ने पश्चिम बंगाल मॉडल का अनुसरण करते हुए कम्युनिस्टों द्वारा शुरू की गई ‘ंिहसा और राजनीतिक क्रूरता’ की संस्कृति का पोषण किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं और मंत्रियों के सीधे संरक्षण में सभी अपराधी, असामाजिक, नशा करने वाले और भ्रष्ट लोग भाजपा के कार्यकर्ता बन गए।
माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने हालांकि कहा कि श्री नड्डा का प्रशंसा का भाषण राज्य सरकार को ‘लोकतंत्र को कमजोर करने’ और लोगों के अधिकारों पर ‘हमले’ जारी रखने के लिए एक प्रोत्साहन के अलावा और कुछ नहीं है। श्री नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के रुख को स्पष्ट करते हुए तमाम झूठे बयान दिए।
श्री चौधरी ने कहा, ‘‘पत्रकारों सहित लगभग एक हजार लोगों को सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने के लिए त्रिपुरा में भाजपा के शासन के तहत देशद्रोह के आरोपों सहित झूठे मामलों में फंसाया गया है। अभी तक किसी भी राजनीतिक ंिहसा की जांच नहीं हुई है। भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति के कारण लोग अपने व्यक्तिगत अधिकारों और विकल्पों का प्रयोग करने से डरते हैं, जिसे मतदाता अगले चुनाव में बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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