तोमर की दिमनी सीट हुई हाई प्रोफाइल, त्रिकोणीय मुकाबला से बढ़ेगी तोमर की मुश्किलें !
क्या दिमनी सीट से तोमर चुनाव जीत पाएंगे ?
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दिल्ली डेस्क
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की दिमनी सीट अब हाई प्रोफाइल हो गई है। मुरैना जिले की यह सीट हालांकि कभी बीजेपी की परंपरागत सीट रही है लेकिन इस बार इस सीट पर तोमर को टक्कर देने के लिए कई और बड़े नेता मैदान में पहुँच गए हैं। अब यह सीट त्रिकोणीय मुकाबला में फंसती जा रही है और उत्सुकता का केंद्र बन गई है।
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने इस सीट से मध्यप्रदेश चुनाव प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी निभा रहे तोमर का नाम घोषित कर सभी को चौंंका दिया है। वर्तमान में इस सीट से कांग्रेस के रवींद्र सिंह तोमर विधायक हैं। कांग्रेस ने इस बार भी यहां से उन्हीं पर दांव खेला है। दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी से विधायक रह चुके और इस बार फिर प्रत्याशी बलवीर सिंह दंडोतिया भी तोमर के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं। आम आदमी पार्टी ने भी यहां से तोमर समाज से जुड़े सुरेंद्र सिंंह तोमर को मैदान में उतारा है।
लगभग दो लाख 30 हजार 520 मतदाता वाली इस विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति के करीब 48 हजार, तोमर मतदाता लगभग 60 हजार और ब्राह्मण वर्ग के लगभग 30 हजार वोटर हैं। विधानसभा सीट पर लगभग 90 हजार अन्य जाति के मतदाता जीत के लिये अहम भूमिका निभाते हैं। माना जाता है कि जो प्रत्याशी इन मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में सफल होता है, वह अपनी जीत के लिये आश्वस्त महसूस करता है।
बता दें कि दिमनी सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। वर्ष 2008 में आखिरी बार भाजपा को यहां से जीत मिली थी। इसके बाद से पार्टी जीत के लिए यहां बाट जोह रही है। ये सीट 2003 तक एससी के लिए सुरक्षित थी। 1998 से लगातार 2003 तक इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। 2008 में यह सीट सामान्य हो गई। इसके बाद भी यहां भाजपा को जीत मिली थी। वर्ष 2013 में यह विधानसभा सीट पार्टी के हाथ से निकल गई और बसपा के श्री दंडोतिया ने यहां से जीत हासिल की थी।
वर्ष 2018 में इस सीट पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया। कांग्रेस प्रत्याशी गिरिराज दंडोतिया ने यहां से जीत हासिल की। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गिर्राज दंडोतिया वर्ष 2020 में सियासी उथल पुथल के बीच भाजपा में आ गए। नवंबर 2020 में उपचुनाव होने पर यहां कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर को यहां से जीत मिली। इससे ये माना जाने लगा कि दिमनी कांग्रेस का गढ़ बनता जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस के इस किले को भेदने के लिए भाजपा ने अभी यहां से सांसद श्री तोमर को मैदान में उतार दिया। मुरैना जिले की छह विधानसभा सीटों में से चार पर कांग्रेस का कब्जा है। दो सीट पर भाजपा है। ऐसे में समझा जा रहा है कि भाजपा ने दिमनी से श्री तोमर को उतारकर जिले की दूसरी सीटों को भी साधने की कोशिश की है।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल के क्षेत्र में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की थी। उस जीत के सूत्रधार श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समझे गए थे। अब वे भाजपा में हैं। ऐसे में कृषि मंत्री श्री तोमर के यहां से उतरने से इस पूरे क्षेत्र की 34 विधानसभा सीटों का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है।
इनपुट वार्ता के साथ —-
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने इस सीट से मध्यप्रदेश चुनाव प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी निभा रहे तोमर का नाम घोषित कर सभी को चौंंका दिया है। वर्तमान में इस सीट से कांग्रेस के रवींद्र सिंह तोमर विधायक हैं। कांग्रेस ने इस बार भी यहां से उन्हीं पर दांव खेला है। दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी से विधायक रह चुके और इस बार फिर प्रत्याशी बलवीर सिंह दंडोतिया भी तोमर के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं। आम आदमी पार्टी ने भी यहां से तोमर समाज से जुड़े सुरेंद्र सिंंह तोमर को मैदान में उतारा है।
लगभग दो लाख 30 हजार 520 मतदाता वाली इस विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति के करीब 48 हजार, तोमर मतदाता लगभग 60 हजार और ब्राह्मण वर्ग के लगभग 30 हजार वोटर हैं। विधानसभा सीट पर लगभग 90 हजार अन्य जाति के मतदाता जीत के लिये अहम भूमिका निभाते हैं। माना जाता है कि जो प्रत्याशी इन मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में सफल होता है, वह अपनी जीत के लिये आश्वस्त महसूस करता है।
बता दें कि दिमनी सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। वर्ष 2008 में आखिरी बार भाजपा को यहां से जीत मिली थी। इसके बाद से पार्टी जीत के लिए यहां बाट जोह रही है। ये सीट 2003 तक एससी के लिए सुरक्षित थी। 1998 से लगातार 2003 तक इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। 2008 में यह सीट सामान्य हो गई। इसके बाद भी यहां भाजपा को जीत मिली थी। वर्ष 2013 में यह विधानसभा सीट पार्टी के हाथ से निकल गई और बसपा के श्री दंडोतिया ने यहां से जीत हासिल की थी।
वर्ष 2018 में इस सीट पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया। कांग्रेस प्रत्याशी गिरिराज दंडोतिया ने यहां से जीत हासिल की। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गिर्राज दंडोतिया वर्ष 2020 में सियासी उथल पुथल के बीच भाजपा में आ गए। नवंबर 2020 में उपचुनाव होने पर यहां कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर को यहां से जीत मिली। इससे ये माना जाने लगा कि दिमनी कांग्रेस का गढ़ बनता जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस के इस किले को भेदने के लिए भाजपा ने अभी यहां से सांसद श्री तोमर को मैदान में उतार दिया। मुरैना जिले की छह विधानसभा सीटों में से चार पर कांग्रेस का कब्जा है। दो सीट पर भाजपा है। ऐसे में समझा जा रहा है कि भाजपा ने दिमनी से श्री तोमर को उतारकर जिले की दूसरी सीटों को भी साधने की कोशिश की है।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल के क्षेत्र में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की थी। उस जीत के सूत्रधार श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समझे गए थे। अब वे भाजपा में हैं। ऐसे में कृषि मंत्री श्री तोमर के यहां से उतरने से इस पूरे क्षेत्र की 34 विधानसभा सीटों का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है।
इनपुट वार्ता के साथ —-
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