मंत्री के बयान ” ईचा डैम का स्वरूप बदलेगा गांव नहीं डूबेगा” पर प्रभावित गांवों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश
डैम रद्द करने के लिए वोट दिया था, स्वरूप बदलने के लिए नहीं : दशकन कुदादा
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झारखंड मुक्ति मोर्चा बहुरूपी धारण करने वाला अजगर सांप है : रायसिंह
चाईबासा: ईचा डैम के संदर्भ में परिवहन मंत्री चम्पाई सोरेन द्वारा “ईचा का स्वरूप बदलेगा, कोई गांव नहीं डुबेगा” का बयान से ईचा डैम डूब क्षेत्र के ग्रामीणों में उबाल आ गया है. सोमवार को राजनगर प्रखंड के कुजू पंचायत अतंर्गत बोन्दोडीह के ग्राम प्रधान रामचंद्र कुम्हार के नेतृत्व में आक्रोशित ग्रामीणों ने मंत्री चंपाई सोरेन का पुतला फूंका. ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ के संयोजक दशकन कुदादा ने कहा मंत्री सोरेन द्वारा ईचा डैम निर्माण का स्वरूप बदलने को कह कर सदर, राजनगर, तांतनगर प्रखंड के 126 गांव को अपमानित किया है. ऐसे बयान देकर जले में नमक छिड़कने का काम किया है. उन्होंने कहा क्षेत्र की जनता उनको डैम रद्द करने के लिए वोट दिया था, स्वरूप बदलने के लिए नहीं. इसका हमलोग पुरजोर विरोध करते हैं.उन्होंने कहा डैम रद्द के सिवाय कुछ नहीं मानेंगे.
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रायसिंह मुन्दूइया ने कहा झारखंड मुक्ति मोर्चा बहुरूपी धारण करने वाले अजगर सांप है. जो समय-समय गिरगिट की तरह रंग बदलते रहता हैं. उन्होंने कहा कि झामुमो के करनी और कथनी में बहुत फर्क है. आक्रोशित ग्रामीणों ने बोन्दोडीह चौक पर मंत्री का पुतला फूंका. इस पुतला दहन कार्यक्रम सरजोमडीह, ईचा, सालडीह, हेरमा, महुलडीह, आदि गांव के शामिल थे. ईचा डैम निर्माण से 126 गांव के हजारों लोग प्रभावित होंगे. झामुमो ईचा डैम को लेकर को लेकर सदियों से राजनीतिक करता आ रहा है और ईचा डैम के नाम पर है झामुमो तांतनगर, चाईबासा सदर और मंत्री चंपई सोरेन चुनाव जीते आ रहे हैं मगर ईचा डैम निर्माण का कार्य रद्द नहीं हुआ.बीते चुनाव के साथ ही हर बार चुनाव में ईचा डैम झारखंड मुक्ति मोर्चा का मुख्य मुद्दा रहता है बीते चुनाव में भी ईचा डैम को रद्द करने को लेकर झामुमो ने चुनाव लड़ा था और चुनाव जीते थे। कोल्हान में ईचा डैम झारखंड मुक्ति मोर्चा का मुख्य चुनावी एजेंडा रहता है और ईचा डैम के नाम पर ही कोल्हान में झारखंड मुक्ति मोर्चा की चुनावी नैया वैतरणी पार होती है .कार्यक्रम मे नानू अल्डा, पूर्णों महतो, दुलू अल्डा, जापान खंडाइत, सन्नी मुन्दूइया, दामू मुन्दूइया, विष्णु कालुंडिया, मनसा, बुदू, सचिन, राजू, कलिपद, शाक्ति, लगड़ा, जोंगा आदि मौजूद थे.
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