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रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सुराजी गांव योजना और गोधन न्याय योजना से गांव और ग्रामीणों के जीवन में एक नया बदलाव दिखाई देने लगा है। श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के तहत राशि अंतरण के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन योजनाओं से ग्रामीणों और किसानों को संबल मिला है और ये ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हो रही है। उन्होने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मजबूत और स्वावलंबी गांवों का सपना देखा था,उनका सपना आज छत्तीसगढ़ में साकार हो रहा है।
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उन्होने इस मौके पर गोधन न्याय योजना के तहत कुल 9.83 करोड़ रूपए की राशि का आॅनलाइन अंतरण करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना को शुरू किए अभी एक साल भी नहीं हुआ है,1160 गौठान स्वावलंबी हो चुके है, जो अपनी आय से अब स्वयं गोबर खरीद रहे हैं और महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन करने लगे हैं। उन्होने कहा कि गौठान और गोधन न्याय योजना का सीधा संबंध खेती से है। यह व्यवस्था जितनी मजबूत होगी हमारी खेती-किसानी और किसान उतने ही समृद्ध होंगे।
श्री बघेल ने इस मौके पर राज्य के किसान भाईयों से राज्य में संचालित पशुओं के रोका-छेका अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने और गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का उपयोग खेतों में करने की अपील की। उन्होंने गौठानों में पशुओं के हरे चारे की व्यवस्था के लिए चारागाह में नेपियर घास लगाने का भी आव्हान किया। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि राज्य में अब तक 48.56 लाख ंिक्वटल गोबर की खरीदी की गई है। इससे लगभग 19 लाख ंिक्वटल वर्मी और सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन संभावित है, जो कि क्रय गोबर की मात्रा का लगभग 40 प्रतिशत है।
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