संयुक्त राज्य रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने बताया, भारत और चीन की सीमा के साथ लंबी दूरी वाली तोपगांधी और सैन्य वाहनों के सहयोग के लिए काम कर रहे हैं।
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भारत और चीन के 50-50 हजार सैनिकों को कुछ टकराव स्थलों पर पश्चिमी लद्दाख में तीन साल से अधिक समय से तैनात किया गया है।
भारत की सीमा के साथ चीन के बॉर्डर पर अपने संचालनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत और संयुक्त राज्य (यूएस) का सहयोग कर रहे हैं। संयुक्त राज्य रक्षा मंत्रालय के सहायक सचिव ईलाय रैटनर ने कहा कि यह अमेरिकी प्रशासन (प्रेसिडेंट जो) बाइडन के द्वारा किए गए अभूतपूर्व कदमों का हिस्सा है, जो प्रशासन के द्वीपीय क्षेत्र में अमेरिका के साथियों और साझेदारों को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि वे संयुक्त राज्य रक्षा मंत्रालय के पार्लमेंट में चीन के बारे में चर्चा से पहले इसे रखे गए हैं। यह चर्चा उस समय हो रही है जब संयुक्त राज्य और चीन के बीच मानवाधिकार, प्रौद्योगिकी तकनीक, दक्षिण चीन सागर और पूर्व चीन सागर के बहस के कारण संबंधों में कटाक्ष हुई है और स्वशासित ताइवान के खिलाफ धमकियां हुई हैं।
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ईलाय रैटनर ने कहा कि संयुक्त राज्य रक्षा मंत्रालय जापान को प्रतिकारी हमले की प्राप्त करने में मदद कर रहा है, और भारत के साथ एक नई तकनीकी पहल का पीछा कर रहा है, जो विशाल रक्षा प्लेटफ़ॉर्म के सहयोग में सहयोग करेगा, साथ ही ऑस्ट्रेलिया की क्षमता को विकसित करने में भी सहयोग कर रहा है जिससे वे हथियार और विस्फोटक पदार्थ उत्पादन कर सकें।
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इसी बीच, यह दक्षिण एशियाई देशों को चीन की दमन और दमन से निपटने की क्षमता हासिल करने में मदद कर रहा है।
ईलाय रैटनर ने कहा, “हम भारतीय सहयोगियों के साथ लंबी-दूरी वाली तोपगांधी को सहयोग करने के लिए एक प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, हम इंफेंट्री सैन्य ट्रूप्स के लिए सैन्य वाहनों को सहयोग करने के लिए भी एक प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं जो भारत के बॉर्डर के साथ चीन की ओर उनकी संचालनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए है। भारत ने अमेरिका से M-777 तोपगांधी खरीदी है जो बहुत हल्की है और इसे चीन के सीमा पर तैनात किया गया है।”
भारत और संयुक्त राज्य की सहयोगी समझौते के परिणामस्वरूप ये कदम बढ़ाएंगे दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत और सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे। भारत और चीन के बीच हुए विवादों के कारण संयुक्त राज्य और चीन के संबंधों में तनाव बढ़ गया है और मानवाधिकार, प्रौद्योगिकी तकनीक, दक्षिण चीन सागर और पूर्व चीन सागर की संप्राप्त संप्रभुता दावों और स्वशासित ताइवान के खिलाफ धमकियों के बीच तनाव है।
इस समय, संयुक्त राज्य रक्षा मंत्रालय जापान की प्रतिकारी हमले की क्षमता की प्राप्ति में सहायता कर रहा है, साथ ही भारत के साथ एक नई तकनीकी पहल के साथ जुड़ रहा है जो भारत के बॉर्डर के साथ चीन की ओर उनकी संचालनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा, साथ ही ऑस्ट्रेलिया की क्षमता को हथियार और विस्फोटक पदार्थ उत्पादन करने में सहायता करेगा। वहीं, दक्षिण एशियाई देशों को चीन के दबाव और धमकियों से निपटने की क्षमता हासिल करने में भी मदद कर रहा है।
इलाय रैटनर ने यह भी कहा, “हम भारतीय सहयोगियों के साथ लंबी-दूरी वाली तोपगांधी को सहयोग करने के लिए एक प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, हम इंफेंट्री सैन्य ट्रूप्स के लिए सैन्य वाहनों को सहयोग करने के लिए भी एक प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं जो भारत के बॉर्डर के साथ चीन की ओर उनकी संचालनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए है। भारत ने अमेरिका से M-777 तोपगांधी खरीदी है जो बहुत हल्की है और इसे चीन के सीमा पर तैनात किया गया है।”
ये सहयोगी कदम भारत और संयुक्त राज्य के संबंधों को मजबूत और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस भारत-चीन सीमा के मुद्दे के बीच, संयुक्त राज्य और चीन के संबंधों में तनाव बढ़ गया है, और मानवाधिकार, प्रौद्योगिकी तकनीक, दक्षिण चीन सागर और पूर्व चीन सागर की संप्राप्त संप्रभुता दावों और स्वशासित ताइवान के खिलाफ धमकियों से संबंधों में तनाव है। यह भारत के बॉर्डर के साथ चीन की संचालनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता करेगा और साथ ही ऑस्ट्रेलिया की क्षमता को हथियार और विस्फोटक पदार्थ उत्पादन करने में सहायता करेगा। वहीं, दक्षिण एशियाई देशों को चीन के दबाव और धमकियों से निपटने की क्षमता हासिल करने में भी मदद करेगा।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- क्या भारत और संयुक्त राज्य द्वारा किए गए सहयोगी कदमों का महत्व है?
- जी हां, भारत और संयुक्त राज्य के बीच किए गए सहयोगी कदम दोनों देशों के संबंधों को मजबूत और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- भारत और चीन के बीच क्या विवाद है?
- भारत और चीन के बीच मानवाधिकार, प्रौद्योगिकी तकनीक, दक्षिण चीन सागर और पूर्व चीन सागर की संप्राप्त संप्रभुता दावों और स्वशासित ताइवान के खिलाफ धमकियों से संबंधों में तनाव है।
- कौन-कौन से देश संयुक्त राज्य के सहयोग से फायदा उठा सकते हैं?
- इसी तकनीकी पहल के साथ संयुक्त राज्य जापान को प्रतिकारी हमले की क्षमता की प्राप्ति में मदद कर रहा है और भारत के साथ एक नई तकनीकी पहल के साथ जुड़ रहा है जो भारत के बॉर्डर के साथ चीन की ओर उनकी संचालनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा, साथ ही ऑस्ट्रेलिया की क्षमता को हथियार और विस्फोटक पदार्थ उत्पादन करने में सहायता करेगा।
- भारत ने संयुक्त राज्य से कौन-कौन सी तोपगांधी खरीदी है?
- भारत ने संयुक्त राज्य से M-777 तोपगांधी खरीदी है, जो बहुत हल्की है और इसे चीन के सीमा पर तैनात किया गया है।
- इन सहयोगी कदमों से दोनों देशों के संबंधों पर क्या प्रभाव होगा?
- ये सहयोगी कदम भारत और संयुक्त राज्य के संबंधों को मजबूत और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाएंगे।
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