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गुमला, 18 सितंबर 2023: घाघरा प्रखंड की रुकी पंचायत अंतर्गत लालपुर गांव की सीता देवी अपने महज 15 डिसमिल जमीन में पपीता की खेती कर स्थानीय किसानों विशेषकर महिला किसानों के प्रेरणाश्रोत बन गयी हैं। सीता देवी अपने महज 15 डिसमिल जमीन से हर साल 70 से 80 हजार रुपये तक कमा रही हैं।
सीता देवी को पपीता की खेती करने में जिला उद्यान विभाग गुमला ने सहयोग किया। वित्तीय वर्ष 2021-22 में उद्यान विभाग द्वारा उद्यान विकास योजना के तहत लाभुक किसान सीता देवी की 15 डिसमिल जमीन पर पपीता की खेती की गयी थी। इसके बाद सीता देवी को उद्यान विभाग की ओर से पपीता के पौधे और उसमें लगनेवाले फल की देख-रेख व रख-रखाव से संबंधित आवश्यक जानकारी व प्रशिक्षण दिया गया।
वर्तमान में सीता देवी की 15 डिसमिल जमीन पर 120 पपीता के पेड़ हैं। हर पेड़ से 15 से 20 किलो तक पपीता का उत्पादन हो रहा है। सीता देवी के पास अब 3.5 टन के पपीते की पैदावार से 70 से 80 हजार रुपये तक आय हो रही है, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
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पपीता से होने वाली आमदनी से सीता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रही हैं और अपना घर बना रही हैं। सीता देवी ने बताया कि पपीता की खेती के बाद जीवन में काफी बदलाव आया है। पपीता की खेती करने से पहले आर्थिक तंगी से जूझ रही थी। परंतु पपीता ने आर्थिक तंगी को दूर कर दिया है।
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सीता देवी की कहानी से प्रेरित होकर कई महिला किसान अब पपीता की खेती करने लगी हैं। सीता देवी ने कहा कि वह सभी महिला किसानों को पपीता की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। पपीता की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है, जिससे महिलाएं भी अच्छी आय अर्जित कर सकती हैं।
सीता देवी की कहानी से यह स्पष्ट होता है कि अगर महिलाएं चाहें तो वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से आगे निकल सकती हैं। महिलाओं को केवल अवसरों की आवश्यकता होती है। उद्यान विभाग द्वारा सीता देवी को पपीता की खेती के लिए आवश्यक जानकारी और प्रशिक्षण देकर उन्हें एक सफल किसान बनाया गया है। इससे अन्य महिला किसानों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी पपीता की खेती कर अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकती हैं।
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