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ज्ञानवापी तहखाने का रहस्य, श्री काशी विश्वनाथ के विश्राम स्थल से जुड़ा है

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एक तहखाना ज्ञानवापी , दूसरा तहखाना मल्लिकार्जुन महादेव मंदिर सिगरा
वाराणसी : धर्म और आस्था की राजधानी काशी में बाबा काशी विश्वनाथ परिसर और ज्ञानवापी मस्जिद काफी विवादों में घिरा हुआ नजर आ रहा है। विवाद इतना बढ़ गया कि कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा। वाराणसी के निचली अदालत से मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए निचली अदालत को फैसला देने को कहा है।

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जिला सत्र न्यायालय काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर का सुनवाई करेगा। इतने में बाबा काशी विश्वनाथ जी आराम कहां करते हैं, सोते कहां है यह बहुत बड़ा सवाल है? अब तक किसी को जानकारी नहीं है कि बाबा सोते कहां है और आराम कैसे करते हैं कहां करते हैं? लाइव 7 की टीम ने जब इसकी जांच पड़ताल की और मंदिर परिसर और स्थानीय लोगों से बातचीत की तो पता चला कि मल्लिकार्जुन महादेव मंदिर वाराणसी के सिगरा में स्थित है जहां सोते हैं, वहां से करीब 3 किलोमीटर एक सुरंग है। वही सुरंग के रास्ते बाबा काशी विश्वनाथ विभिन्न स्थान से होते हुए दोपहर में आराम करने और रात में सोने के लिए मल्लिकार्जुन महादेव मंदिर जाते है।

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ऐसा दावा किया जाता है कि ज्ञानवापी से बाबा आराम करने यहां एते है और यह दावा भी किया जा रहा है आज भी सुरंग मौजूद है जिसमें बाबा आराम करते हैं। वह कमरा आज भी मौजूद है। तीन कमरे बने हुए हैं, हर तल्ले पर एक कमरा बना हुआ है। 3 तल्ले का मंदिर है। तीसरे में एक रास्ता है जो सुरंग की ओर ले जाता है। यह सुरंग सीधा गंगा तट पर निकलता है। स्थानी चश्मदीदों के मुताबिक भगवान बाबा काशी विश्वनाथ और नंदी भगवान साथ आते हैं। इस मंदिर का उल्लेख काशी खंड के किताब में मिलता है और यह भी बताया गया है कि भगवान को जिसने देखा या दर्शन किया वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठा। उसका दिमाग काम नहीं करता। हालांकि अब वह व्यक्ति दुनिया में नहीं है जिसने ये दृश्य देखा है। मगर कुछ बातें आपको बताना चाहूंगा कि यह कोई काल्पनिक घटना नहीं है बल्कि हकीकत है जो आज भी घटना चक्र में चल रहा है। हम आज आपको वह मंदिर बताएंगे जहां बाबा विश्वनाथ का शयनकक्ष बना हुआ है।

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यह मंदिर मल्लिका अर्जुन महादेव वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर 500 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। पौराणिक ग्रंथों में और काशी खंड में भी वर्णन किया गया है। इस मंदिर के पीछे का एक और रहस्य भी है और आपको जानकारी दे दू मंदिर के प्रवेश द्वार से आप जब जाएंगे तो भगवान सूर्य पूरब की ओर दिखेंगे, मगर मंदिर के ऊपर तीसरे तले पर जब आप पहुंच जाएंगे तो भगवान सूर्य को देखेंगे तो पूरब की जगह दक्षिण में दिखाई देंगे। यहां बहुत अलौकिक सृष्टि का दृश्य नजर आता है। जो कि कोई वैज्ञानिक दृश्य नहीं बल्कि भगवान बाबा काशी विश्वनाथ व मल्लिकार्जुन महादेव जी का मंदिर है। बाबा काशी विश्वनाथ सृष्टि को किस खूबसूरती से बनाया है यह देखने लायक दृश्य है और दूसरे तल्ले पर एक कुआं है जोकि महाराष्ट्र व गुजरात में स्थित कृष्णा नदी का पानी इस कुएं में आता है, जिसका सैंपल कुछ अधिकारी और वैज्ञानिकों ने लिया और परीक्षण के पाया कि कृष्णा नदी का जल मल्लिकार्जुन महादेव मंदिर के कुए का आता है। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। मान्यता के अनुसार इस कुएं का जल जो भी पीता है उसका सारा दुख समाप्त हो जाता है उसके शरीर में जो भी जैसा भी रोग रहता है पानी पीने से समाप्त हो जाता है।

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