तीरंदाज की नर्सरी तुरतुंग तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र के दिन बहूरेंगे , 334 पदक जीत चुके हैं केंद्र के तीरंदाज
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रूंगटा ग्रुप देगा विजय सुंडी को रिकर्व बो और तुलसी कारवा को कंपाउंड बो
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चाईबासा : तीरंदाज की नर्सरी के रूप में पूरे जिले में मशहूर तुरतुंग तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र के दिन अब अच्छे दिन आने वाले हैं. सीमित संसाधनों के बीच तीरंदाजी की प्रशिक्षण ले रहे 145 तीरंदाजों वाले इस केंद्र का रविवार को एसआर रूंगटा ग्रुप के मालिक मुकुंद रूंगटा ने दौरा किया. सदर प्रखंड के सिकुरसाई में संचालित इस केंद्र के पदाधिकारियों और प्रशिक्षुओं से मिले और केंद्र की समस्याओं की संपूर्ण जानकारी ली.प्रशिक्षु तीरंदाजों ने उनके समक्ष तीरंदाजी का प्रदर्शन किया, जिसके मुकुंद रुंगटा कायल हुए और उनकी प्रतिभा की सराहना की. उन्होंने होनहार दिव्यांग तीरंदाज विजय सुंडी (26) और दिव्यांग तीरंदाज तुलसी कारवा को उन्नत तीर-कमान देने के अलावा शूटिंग लाइन के लिये शेड और टारगेट बोर्ड उपलब्ध कराने का ऐलान किया. मुकुंद रूंगटा ने कहा कि वाकई यहां के तीरंदाज लगनशील है. सीमित संसाधनों में भी राज्य और जिलास्तरीय प्रतियोगिताओं में इनका प्रदर्शन प्रशंसनीय है. लिहाजा आगे भी वे यथासंभव केंद्र की मदद करेंगे. उन्होंने तीरंदाजों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि खेल में हार और जीत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. हार कभी निराश नहीं होना चाहिए बल्कि उससे सबक लेकर फिर बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए, मंजिल अवश्य मिलेगी. इसके पूर्व प्रशिक्षुओं ने ढोल-नगाड़े बजाते हुए पुष्प-गुच्छ देकर उनका स्वागत किया. केंद्र के प्रशिक्षक महेंद्र सिंकू ने बताया कि एसआर रुंगटा ग्रुप की ओर से विजय सुंडी को रिकर्व बो मिलेगा, जिसकी कीमत करीब 2 लाख 80 हजार है जबकि तुलसी कारवा को कंपाउंड बो मिलेगा जिसकी कीमत करीब 3 लाख 45 हजार है. इसके अलावा तुलसी को 50 हजार की कीमत का इलेक्ट्रिक ट्राई साईकिल भी मिलेगी ताकि आने-जाने में परेशानी न हो.करीब 10 वर्ष पुराने इस केंद्र के तीरंदाज पिछले दस वर्षों में करीब 334 पदक जीत चुके हैं. सारे पदक जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में जीत गए हैं. पदक जीतने वालों में लड़के और लड़कियां दोनों शामिल है. इस केंद्र के अधिकांश तीरंदाज अदिवासी समाज से आते हैं.
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