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जमशेदपुर:सोलह दिवसीय अभियान के तहत आज पांचवे दिन युवा संस्था ने पोटका चैक और हाता चैक में महिलाओं, विकलांग महिलाओं, किन्नर के अधिकारों के प्रति जागरूक किया। नाटक अधिकारों की लड़ाई अपने दम पर के माध्यम से नाटक संस्था पथ के कलाकारों ने मौजूद सभी लड़कियों, महिलाओं और कुछ विकलांग महिलाओं को आगे बढ़कर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने की बात कही। प्रशासन की मौजूदगी में हुए नाटक में सभी लोगो ने एक स्वर में कहा कि जब अपनी बात आती है तो पुरुष वर्ग हर मुमकिन उपाय अपनाता हैं अधिकार पाने के लिए लेकिन जब महिलाएं अपने हक की मांग रखती है तो वही पुरुष वर्ग भरसक कोशिश करता है कि महिलाओं को उनका हक न मिले। नाटक के प्रदर्शन से लोगो में अपने हक की खातिर लड़ने की हिम्मत जागेगी, ये बात पोटका थाना के प्रभारी रवींद्र मुंडा ने कही। नाटक में जो विषय रखे गए उससे ये बात खुल के सामने आई कि आम महिला हो या खास उसे बाहर अपनी लड़ाई लड़ने के पहले घर की बंदिशों से आजाद होना पड़ता है और इस लड़ाई में उसे बरसो लग जाते है। ये हमारी भी जिमेदारी है कि उन्हे उनका हक बिना विरोध किए ही सौंप दिए जाएं ताकि उसे अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए तो कम से कम सड़क पर न आना पड़े । ष्समाज की जो बनी बनाई सोच है उसे एक झटके में तोड़ना आसान काम नही है लेकिन अगर बार बार प्रहार किया जाए तो संभव है कि वो टूटेष्। उक्त बात हाता चैक में हुए नाटक के बाद वहां खड़ी आम जनता से बातचीत में सामने आई। सआिरईए की सहयोगी संस्था युवा के कार्यकतार्ओं की भागीदारी और महिलाओं के उत्साह से आज पांचवे दिन के कार्यक्रम का असर रहा कि कई पुरुषों ने भी आज प्रण लिया कि अब कभी भी घरेलू हिंसा को होने नही देंगे चाहे बात अपने घर की हो या पड़ोस की। कार्यक्रम को सफल बनाने में युवा की सचिव वणार्ली चक्रवर्ती, युवा की ट्रेनर अंजना देवगम ज्योति हेंब्रम रितिका कुमारी चंद्रकला मुंडा प्रफुल्लित अवंती सरदार मायनो डोबो चकिया सूरज कुमार अनिल बोदरा आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।
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