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राम प्रसाद सिन्हा
पाकुड़।साइबर अपराधियो ने डीसी वरुण रंजन के नाम फेक आईडी बनाकर लोगो से ठगी करने का तरीका अपनाया है।मामले की भनक लगते ही डीसी ने अपने सगे संबंधियों सहित पदाधिकारियों को साइबर अपराधी से सावधान रहने,उसके झांसे में नही आने एवं ठगी का शिकार होने से बचने के लिए आगाह कर दिया है।साइबर अपराधी द्वारा मोबाइल नम्बर 7207912008 से डीसी की तस्वीर लगाकर फेक वाट्सएप ग्रुप बनाकर कुछ अधिकारी से उपहार एवं राशि मांगे जाने की भी चर्चा है लेकिन किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नही की है।
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डीसी वरुण रंजन के फोटो के साथ फर्जी वाट्सएप ग्रुप बनाकर ठगी किये जाने की जानकारी सूचना जनसम्पर्क पदाधिकारी डॉ चंदन ने मीडिया कर्मियों को दी है।उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के इस मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक को डीसी के स्तर से दी गयी है। बहरहाल डीसी के नाम फर्जी वाट्सएप ग्रुप बनाकर फर्जीवाड़ा किये जाने के इस मामले की चर्चा जोरों पर है।यहां उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व अनुबंध पर बहाली की प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद डीसी डीडीसी के नाम से बहाली परिक्रिया में शामिल अभ्यार्थियों से पैसे की मांग की जा रही थी।मामला चर्चा में आने के बाद तत्कालीन डीसी अनमोल कुमार सिंह ने फर्जीवाड़े में शामिल व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का लिखित आवेदन नगर थाने की पुलिस को दिया था।महीनों बीतने के बाद भी इस मामले का उद्द्भेदन नगर थाने की पुलिस नही कर पायी है।सूत्रों के मुताबिक मनरेगा कर्मियों को अनुबंध पर बहाल किये जाने के लिए डीसी डीडीसी के नाम जिस मोबाइल नम्बर से कॉल किया जा रहा था उसका मोबाइल धारक किसी पदाधिकारी का ही रिश्तेदार था इसलिए इसकी जांच एवं कार्रवाई को प्रभावित करने की भरपूर कोशिश की गयी जिसके चलते वह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।डीसी के नाम जिस फर्जी वाट्सएप ग्रुप बनाकर ठगी की कोशिश की जा रही है मोबाइल नम्बर किसी गोनाकरण रामासुब्बाई के नाम से जारी है
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