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राजस्थान में अलवर जिले के किशनगढ़ बास थाना क्षेत्र में अपहरण मारपीट और सामुहिक दुष्कर्म के आरोपियों को मांचा गांव में पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला कर दो बदमाशों को छुडवा लिया। इस हमले में थाना प्रभारी सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार माचा गांव में हुई इस घटना की सूचना के बाद अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा और मौके पर मौजूद रहे घायल पुलिसकर्मियों को किशनगढ़ बास के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।
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थाना प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि वह पुलिस जाब्ता एवं आरएसी के जवानों के साथ प्राइवेट वाहन से कोटकासिम तिराए पहुंचे तो मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी सद्दाम उर्फ नबी अहमद एवं फरदीन अपने घर पर बैठे हुए हैं। इस पर कोटकासिम तिराए पर ही रुका ड्यूटी ऑफिसर ज्ञानचंद को थाने से अतिरिक्त जाब्ता भेजने के निर्देश दिए। 15 मिनट बाद जाब्ता आ गया, जिसमें महिला कांस्टेबल भी शामिल थी। आरोपियों को पकड़ने के लिए योजना बनाकर करीब 1 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी गांव मांचा पहुंचे वहां पर आरोपी इरशाद और नसरुद्दीन बरामदे में चारपाई पर बैठे मिले।
पुलिस ने उन दोनों को वहां पकड़ लिया और चलने लगे। तभी 40- 50 आदमी तथा औरतें अपने हाथों में पत्थर डंडे लेकर दोनों आरोपियों को छुड़ाकर ले गए और पुलिस पर जबरदस्त पथराव शुरू कर दिया। थाना प्रभारी और जाब्ते ने उनके कमरों में छुपकर किवाड़ अंदर से लगाकर अपनी जान बचाई। इसके बाद भी भीड़ घर पर लगातार पथराव करती रही। पथराव से थाना प्रभारी सहित समस्त पुलिस जाब्ते को चोट आई।
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उसी दौरान मौके से ही थाना प्रभारी ने पुलिस उपाधीक्षक किशनगढ़ बास को हालात बताकर अतिरिक्त जाब्ता भेजने के लिए कहा और दोनों मुलजिम को छुड़ाकर ले जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों मुलजिम को छुड़ा ले जाने में इश्ताक, समीर, काला, रज्जाक, हुरमत ,महिला , जाहिरा, राहिला, सल्ली ,रस्सी ,मनीषा ,हसीना ,गुगरी ,सुक्की ,अजमल ,शौकत निवासी माचा सहित अन्य लोग आदमी थे। 20 मिनट के बाद पुलिस जाब्ता माँचा गांव पहुंचा तो आरोपी मौके से भाग गए।
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