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म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के… इनमें बहुत दम है

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हर दिन आगे बढ़ती बेटियां कर रहीं देश का नाम रोशन

देश की बेटियाँ हर दिन भारत का नाम रोशन कर रही हैं। ऐसा कोई क्षेत्र बचा नहीं है, जिनमें लड़कियों और महिलाओं ने अपना लोहा नहीं मनवाया हो। वे सभी काम, जिन्हें देखकर एक समय में यह कहा जाता था कि यह महिलाओं के बस की बात नहीं, उन तमाम क्षेत्रों में बेटियों और महिलाओं ने इन दकियानूसी बातों को दरकिनार कर खुद को पुरुषों के समान साबित किया है। आलम यह है कि बेटियाँ पढ़ाई में भी सबसे आगे निकल रही हैं।

सोशल मीडिया पर बेटियों की यह जीत ट्रेंड कर रही है। तमिलनाडु स्थित ईशा विद्या स्कूल में दसवीं के रिजल्ट के दौरान टॉप आठ रैंकिंग में बेटियों के ही नाम शुमार हैं। इसकी सूचना देश के अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, कू ऐप के माध्यम से सद्गुरु ने दी है। बेटियों को बधाई और आशीर्वाद देते हुए सद्गुरु ने कहा:

बधाई और आशीर्वाद। यह समाज में सभी असमानताओं को दूर करने का मार्ग है। ग्रामीण तमिलनाडु में हमारी बेटियाँ खुद को बराबरी से साबित कर रही हैं। -एसजी
#IshaVidhya

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https://www.kooapp.com/koo/SadhguruJV/97d46d8b-27c3-4aca-bcb2-40e9d569a1ba

ईशा विद्या स्कूल की स्थापना वर्ष 2005 में सद्गुरु द्वारा की गई थी। वेल्लिंगिरी की तलहटी में, ईशा योग केंद्र के शांत वातावरण में स्थित, इस आवासीय पाठशाला में संसार के अलग-अलग हिस्सों से आए छात्र और शिक्षक रहते हैं। छात्र ऐसे वातावरण में शिक्षा ग्रहण करते हैं, जहाँ उन्हें पहले से तय और आयु के मुताबिक रचे गए पाठ्यक्रम से परे जा कर सीखने की क्षमता का विकास करने का अवसर मिलता है। यह स्कूल, जीवन के सभी पक्षों को शैक्षिक प्रक्रिया में शामिल करने पर बल देता है और इसके संपूर्ण व व्यापक पाठ्यक्रम में कला, संगीत व नाटक आदि को भी पढ़ाई के साथ शामिल किया गया है।

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करीब 65 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस स्कूल में जूनियर, मिडिल व सीनियर नाम के तीन ब्लॉक्स हैं। जूनियर व मिडिल स्कूल छात्रों को उनके आवासीय ब्लॉक्स में ही पढ़ाया जाता है, जबकि सीनियर स्कूल की पढ़ाई के लिए एक अलग भवन, ज्ञानशाला है।

सुविधाहीन बच्चों को समर्पित ईशा विद्या

ईशा विद्या, ईशा शिक्षा की एक पहल है, जो ग्रामीण भारत में शिक्षा और साक्षरता के स्तर को ऊपर उठाने के लिए समर्पित है। यह सुविधाहीन बच्चों को उनकी पूर्ण क्षमता का अहसास कराने में सहायक है। ग्रामीण क्षेत्रों के सभी बच्चों के लिए उत्तम शिक्षा को सुनिश्चित करके यह प्रोजेक्ट सभी को समान अवसर उपलब्ध कराता है, ताकि वे भारत के आर्थिक विकास में हिस्सा लेकर उससे लाभ उठा सकें।

सरकारी स्कूलों को भी लिया गोद

ईशा विद्या वर्तमान में 5200 छात्रों के साथ 9 स्कूल (8 तमिलनाडु में और 1 आंध्र प्रदेश में) संचालित कर रही है, जिनमें से 56% छात्रवृत्ति पर हैं। बाकी छात्र नाममात्र का शुल्क देते हैं। पूरा होने पर प्रत्येक स्कूल 1100 छात्रों को सपोर्ट करेगा। ईशा ने 2012-13 में 26,843 छात्रों के साथ 31 सरकारी स्कूलों को भी गोद लिया था।

ईशा विद्या का उद्देश्य

ग्रामीण क्षेत्रों में वहन करने योग्य उत्तम शिक्षा प्रदान करना
साक्षरता और बुनियादी शिक्षा से ऊपर उठना
कम्प्यूटर शिक्षित, अंग्रेजी बोलने वाले आत्मविश्वासी छात्र
शिक्षा जीवन-सशक्तिकरण का एक अवसर, जो ग्रामीण बच्चों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों मे हिस्सा लेने के योग्य बनता है
बेटियों को समान अवसर प्रदान करना
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा संबंधी जागरूकता फैलाना

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