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छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में चाय कॉफी के साथ अब किसानों ने महंगे दामों में बिकने वाली स्ट्रॉबेरी की खेती में भी रुचि लेनी शुरू कर दी है। कलेक्टर रवि मित्तल ने आज यूनीवार्ता को बताया कि जिले के 20 गांव में 50 किसानों ने इस फल की खेती शुरू की है। अच्छी जलवायु के कारण जशपुर से रसभरी स्ट्रॉबेरी की उपज प्रतिदिन रायपुर, दुर्ग जैसे बड़े शहरों के अलावा पड़ोसी राज्य झारखंड और ओडिशा भी की जा रही है।
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किसानों का कहना है कि स्ट्रॉबेरी की उपज 400 रुपए प्रति किलो बिकने से वे काफी खुश हैं। जिले में बगीचा, सन्ना और बालाछापर क्षेत्र में नई तकनीक से किसानों के खेतों में इसकी फसल लगाई गई है। मुनाफा वाली इस खेती को देख कर अन्य किसानों ने भी स्ट्रॉबेरी की उपज लेने का मन बना लिया है।
जिला प्रशासन ने नाबार्ड के तहत योजना का लाभ देकर सन्ना और बगीचा क्षेत्र में किसानों को निशुल्क 50 हजार पौधे उपलब्ध कराए गए थे। किसानों को फसल की देखरेख करने के लिए फलोद्यान विभाग से मार्गदर्शन मिल जाने से उन्हें इस नई फसल की खेती का काम में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा।
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