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रांची: झारखंड में इन दिनों राजनीति हालात पूरी तरीके से बदल गए है. कांग्रेस के तीन विधायकों को पैसे साथ ग्रामीण हावड़ा में गिरफ्तार होने बाद राज्य में सरकार बनने-बिगड़ने की बातों पर विराम लगता दिखाई दे रहा है. तो वही बेरमो विधानसभा के विधायक अनूप सिंह पर सवाल उठने शुरू हो गए है. क्योकि विधायक ने पहली बार जुलाई 2021 में जब सरकार को अस्थिर करने के आरोप लगे थे. तब भी विधायक ने रांची के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. अब कांग्रेस के तीन विधायको की ग्रामीण हावड़ा में हुई. पैसे के साथ गिरफ्तारी के बाद फिर बेरमो विधायक ने फिर रांची के अलगोरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. वही इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति संघ के केंद्रीय अध्यक्ष और आप के हटिया विधानसभा के अध्यक्ष संतोष कुमार सोनी में कहा कि ये इतने भोले हैं कि इनको घटना घटने के बाद ये याद आती हैं कि बंगाल में जो कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोन्गाड़ी जो पांच-पांच सौ रुपये के नोटों के बंडल के साथ पकड़े गये हैं, इन सब ने इन्हें यानी अनूप सिंह को भी दस करोड़ रुपये और मंत्री पद का ऑफर दिया था, और ये इसकी सूचना देते हुए रांची के अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करा देते हैं.
एफआईआर में अनूप सिंह को कोलकाता बुलाने की बात
यही नहीं विधायक ने प्राथमिकी जो अंग्रेजी भाषा में लिखी हुई है, उसमें यह भी लिखा है कि राजेश कच्छप और विक्सल कोन्गाड़ी इन्हें कोलकाता बुलाकर प्रति विधायक दस करोड़ रुपये देने की बात भी कह रहे थे. यहीं नहीं, इन्होंने यह भी लिख दिया कि ये सब गुवाहाटी ले जाकर उन्हें असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा से मिलवाने वाले भी थे.
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कानून के महान ज्ञाता बेरमो विधायक
खुद को राजनीति का महान संत बताने के लिए उन्होंने उन सारे शब्दों का भी अपने लिए प्रयोग किया. जिसे पढ़कर आप हैरान रह जायेंगे. जैसे कि वे असंवैधानिक, अवैध और सर्वथा अपराधिक गतिविधियों में भाग लेना नहीं चाहते. इसलिए इन तीनों पर कानूनी कार्रवाई करें. यही नहीं कुमार जयमंगल ने यहां तक थाना प्रभारी को बता दिया कि इन पर कौन सी धारा लगानी है. विधायक कुमार जयमंगल सचमुच आपकी महानता पर अब मुझे शत प्रतिशत संदेह नजर आ रहा है. वो इसलिए कि जब इरफान अंसारी ने आपको मंत्री पद देने और दस करोड़ रुपये देने की लालच दी. तो आप उसी समय अरगोड़ा थाने में जाकर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई.
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अनूप सिंह ने विधायकों की गिरफ्तारी का इंतजार क्यों किया
आप कोलकाता पुलिस द्वारा ये तीनों विधायकों के पकड़े जाने का इंतजार क्यों कर रहे थे? इसका मतलब है. कि आप वर्तमान समय का फायदा उठाना चाहते हैं. आप दिल्ली से लेकर रांची तक के प्रमुख कांग्रेसियों और झामुमो सुप्रीमो की नजरों में महानायक बनना चाहते हैं. क्या कांग्रेस के नेता या राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इतने भोले हैं. कि आपके इन बातों में आकर आपकी जय-जयकार करने लगेंगे या आप बतायेंगे कि किसके इशारे पर या किसके कहने पर आपने आनन-फानन में अरगोड़ा थाने में विधायक इरफान, विक्सल और राजेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा दी. आपने अपनी बातों में यह स्पष्ट क्यों नहीं किए कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उनके सुपुत्र के साथ कितने विधायक असम के मुख्यमंत्री से मिले क्योंकि आपको डर है. की यह बात बोलने से सरकार गिर जाएगी. कांग्रेस अपने तीन विधायकों को सस्पेंड करके गंगा नहाने का काम कर रही है. जबकि इस कांड में कई विधायकों का होने का संभावना स्पष्ट दिखाई दे रही है.
जनता को बेवकूफ बना रहे है विधायक
आप माननीय जनता को इतना बेवकूफ क्यों समझते हैं, जनता जितना इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोन्गाड़ी को जानती हैं. ठीक उसी प्रकार कांग्रेस, झामुमो और भाजपा के अंदर बैठे खुद को मठाधीश समझने वाले माननीयों और उनके नेताओं को खुब जानती और पहचानती है.
इतनी कम राशि में झारखंड के माननीय घास तक नहीं डालते
अरे कहने वाले तो ये भी कह रहे है कि मात्र 48 लाख रुपये ही इनकी गाड़ियों से मिले हैं. और 48 लाख रुपये जैसे मामूली रकम में झारखण्ड के माननीय तो घास तक न डालें, अपना ईमान क्या बेचेंगे, ईमान बेचने व खरीदने के लिए तो अब करोड़ों से आगे की बात करनी पड़ती है. खैर इस राज्य का दुर्भाग्य है. जब से झारखंड का गठन हुआ है बीजेपी कांग्रेस और झामुमो वाले सिर्फ भ्रष्टाचार के नाम से ही जाने जा रहे हैं. झारखंड में विकल्प के आवश्यकता है.
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