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पश्चिमी सिंहभूम : झारखंड में झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार चल रही है मगर पश्चिमी सिंहभूम जिले में गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। केंद्र एवं राज्य प्रायोजित योजना मे श्रेय लेने की होड़, उद्घाटन एवं शिलान्यास शिलापट्ट में नाम आदि को लेकर झामुमो और कांग्रेस आमने-सामने हैं।
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कांग्रेस की सांसद गीता कोड़ा और चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं । चक्रधरपुर में आईओ के एक सड़क निर्माण शिलान्यास में शिलापट्ट में सासंद का नाम नहीं होने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। झामुमो के जिला अध्यक्ष सह चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव ने प्रेस वार्ता आयोजित कर सांसद गीता कोड़ा एवं कांग्रेस को गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने आदि को लेकर आरोप लगा रहे हैं । वहीं कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने भी विधायक सुखराम उरांव , कार्यकारी एजेंसी और झारखंड सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विगत दिनों सड़क शिलान्यास में शिलापट्ट में सासंद का नाम नहीं होने के कारण कांग्रेसियों ने जमकर बवाल किया था और विभाग सरकार का पुतला दहन किया था, इसको लेकर कांग्रेस और झामुमो आमने-सामने हैं। झामुमो कांग्रेस के बीच योजनाओं के शिलान्यास- उद्घाटन ,विकास योजनाओं का श्रेय लेने के लिए आपसी टकराव एवं तकरार की स्थिति उत्पन्न हो गई है।बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कोड़ा – सासंद गीता कोडा और झामुमो जिला अध्यक्ष एवं चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव के बीच पूर्व से ही 36 का रिश्ता रहा है अब यह धीरे-धीरे खुलकर सामने आ रहा है। विगत चुनाव में कांग्रेस के वयोवृद्ध और लोकप्रिय सांसद स्वर्गीय बागुन सम्बरई के समर्थन में जब गीता कोड़ा कैंची छाप से चुनाव लड़ रही थी तो विधायक सुखराम उरांव ने गीता कोड़ा के विरोध में और बागुन सम्बरई के पक्ष में खुलकर काम किया था।
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