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नई दिल्ली :आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त की योजनाओं को बंद करने की कोशिश, अग्निवीर योजना, आठवें वेतन आयोग के गठन से इनकार जैसे कारण बताते हुए सवाल उठाए हैं कि क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालत ठीक है? उन्होंने पूछा कि केंद्र सरकार का सारा पैसा गया कहां? फिर इसका जवाब देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने अपने दोस्तों और अरपबतियों का 10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि 5 लाख करोड़ रुपए का टैक्स भी माफ किया गया है।अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”पिछले कुछ दिनों से जिस तरह जनता को फ्री में मिलने वाली सुविधाओं का विरोध किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सरकारें कंगाल हो जाएंगी, देश के लिए आफत पैदा हो जाएगी। इन सुविधाओं को बंद किया जाए। इससे मन में शक पैदा होता है कि क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालात बहुत ज्यादा खराब तो नहीं हो गई है। इतना ज्यादा विरोध क्यों किया जा रहा है। 70-75 सालों से बच्चों को फ्री शिक्षा, सरकारी अस्पतालों में इलाजा और गरीबों को राशन दिया जा रहा है। अचानक इनका इतना विरोध क्यों किया जा रहा है?”अरविंद केजरीवाल ने अग्निवीर योजना को भी इस शक की वजह बताते हुए कहा, ”थोड़े दिन पहले ये अग्निवीर योजना लेकर आए। कहा गया कि इसकी जरूरत इसलिए पड़ी कि सैनिकों की पेंशन का खर्च सरकार वहन नहीं कर पा रही है। पहली बार कोई सरकार कह रही है कि सैनिकों की पेंशन का खर्च नहीं उठा सकती। आज तक किसी सरकार ने नहीं कहा था कि हम पेंशन नहीं दे पा रहे हैं। ऐसा क्या हो गया केंद्र सरकार सैनिकों को पेंशन देने के हालत में भी नहीं है।”दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि हर पांच-पांच साल (बाद में सुधार करते हुए 10-10 साल) में केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग बनाती है। अभी आठवां वेतन आयोग बनने वाला था। अब केंद्र सरकार ने कहा है कि हम नहीं बनाएंगे। क्योंकि हमारे पर पैसा नहीं है। केंद्र सरकार के पास अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए पैसा नहीं बचा। कहां गया केंद्र सरकार का पैसा? केंद्र सरकार की इतनी क्या बुरी हालत हो गई है कि वेतन आयोग नहीं बैठा रहे हैं? उन्होंने कहा कि मनरेगा, देश के गरीब से गरीब आदमी को सरकार सौ दिन का काम और पैसा देती है। केंद्र सरकार कह रही है हमारे पास वो पैसा भी नहीं है। इस साल 25 फीसदी की कटौती कर दी गई है। केंद्र सरकार टैक्स का एक हिस्सा राज्यों को देती है। अब तक 42 फीसदी हिस्सा देना होता था। इसे अब घटाकर 29 फीसदी कर दिया गया है। आखिर गया कहां केंद्र सरकार का सारा पैसा। यह सारा पैसा जा कहां रहा है? अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर अमीरों का 10 लाख करोड़ रुपए का कर्जा और 5 लाख करोड़ रुपए का टैक्स माफ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ”2014 में केंद्र सरकार का 20 लाख करोड़ का बजट होता था, आज 40 लाख करोड़ का बजट है तो केंद्र सरकार का सारा पैसा गया कहां? इन्होंने अपने दोस्तों, अरबपति लोगों के 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ कर दिए। सरकारी पैसे से इन्होंने जितने के कर्ज माफ किए, इनमें से कई इनके दोस्त हैं। किसी के 5 हजार करोड़ तो किसी के 10 हजार करोड़ माफ कर दिए। यदि ये कर्जे माफ नहीं किए जाते तो इनको खाने-पीने की चीजों पर टैक्स लगाने की जरूरत नहीं होती। आज इनके पास पेंशन बंद करने की जरूरत नहीं होती। देश की ऐसी हालत नहीं होती। इन्होंने बड़ी-बड़ी कंपनियों के 5 लाख करोड़ रुपए के टैक्स लगा दिए। गरीब आदमी पर टैक्स लगा दिया, बड़े बड़े अमीर आदमियों के कुछ सालों में 5 लाख करोड़ के टैक्स माफ कर दिए। इस देश का आम आदमी आज धोखा महसूस कर रहा है।”
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