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बोलपुर/कोलकाता : पश्चिम बंगाल में भारतीय सीमा के पार से पशु तस्करी के मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को बीरभूम जिले में एक चावल मिल पर छापा मारा, जिसमें कथित तौर पर इस मामले में गिरफ्तार अनुव्रत मंडल के रिश्तेदारों की हिस्सेदारी है।
इस बीच, कोलकाता में आधिकारिक रिपोर्ट में कहा कि मंडल, जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 11 अगस्त को बीरभूम में अपने गांव निचुपट्टी घर से गिरफ्तार किया था, को नियमित जांच के लिए दक्षिण कोलकाता में कमांड अस्पताल (सेना) ले जाया गया था।
राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की बीरभूम जिला इकाई के अध्यक्ष बासठ वर्षीय मंडल को पशु तस्करी में चल रही सीबीआई जांच में कथित रूप से असहयोग करने और कम से कम 10 बार समन की अनदेखी करने के बाद उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। आसनसोल अदालत के आदेश से मंडल अब बुधवार तक सीबीआई की हिरासत में रहेगा। अदालत ने हर 48 घंटे में उनकी नियमित चिकित्सा जांच कराने का निर्देश दिया है।
बीरभूम में सीबीआई की टीम ने सोमवार को ‘शिव शंभू राइस मिल’ पर छापा मारा, जिसमें मंडल के भतीजे राजा घोष का हिस्सा है। यह मिल भुबंदंगा सुकांता पल्ली में 10 बीघे से अधिक भूमि के क्षेत्र में स्थित है।
सीबीआई ने पिछले सप्ताह भोले बम चावल मिल पर भी छापा मारा जहां कुछ महंगी कारें खड़ी थीं। सीबीआई ने तलाश अभियान के दौरान कथित तौर पर मंडल और अन्य फर्जी नामों के नाम पर सात बैंकों में 17 करोड़ से अधिक के धन सहित कई चल और अचल संपत्तियों का भी खुलासा किया।
सूत्रों ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले मंडल के पास पिछले आठ वर्षों से संपत्ति में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है।
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