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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पंजाब विधायक सिमरजीत ंिसह बैंस को कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के कथित उल्लंघन और दुष्कर्म के एक मामले में मंगलवार को अंतरिम राहत दी और उनकी गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तीन फरवरी (गुरुवार) तक रोक लगाई।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने लुधियाना की एक अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरजीत ंिसह स्थानीय अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट के आदेश के खिलाफ अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की है।
लुधियाना की एक अदालत ने उन्हें कोविड दिशा-निर्देशों का उल्लंघन के अलावा दुष्कर्म के एक मामले में अदालत में पेश होने का आदेश दिया था लेकिन वह पेश नहीं हुए। इसके बाद अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था।
आरोपी विधायक की ओर से दावा करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल दो बार विधायक रहे है तथा उनके खिलाफ दुष्कर्म का मामला फर्जी था। इस प्राथमिकी को रद्द करने की मांग संबंधी याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।
शिकायतकर्ता महिला की ओर से पेश वकील गगन गुप्ता ने पीठ को बताया कि उन्होंने एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर बुधवार को सुनवाई की जाए।
पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विधायक की याचिका के साथ-साथ शिकायतकर्ता महिला की याचिका को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।
पीठ ने इसके साथ ही कहा, ‘‘हम राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि इस बीच अंतरिम राहत की मांग कर रहे विधायक को गिरफ्तार न करें।’’
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