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रांची:झारखंड में राजनीतिक पारा आज चढ़ा हुआ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आफिस आफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सीलबंद लिफाफा राजभवन भेज देने के बाद अब सबकी नजरें राजभवन के फैसले पर टिक गयी है। यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि राज्यपाल किसी भी समय इस पर फैसला ले सकते है। राज्यपाल के फैसले के पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में सुबह में यूपीए विधायकों की बैठक हुई ।करीब एक बजे तक चली यूपीए विधायकों की बैठक में ताजा राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई। इस बैठक में जेएमएम-कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी हिस्सा लिया। बैठक जेएमएम-कांग्रेस,आरजेडी और एनसीपी के 40 से अधिक विधायक बैठक में पहुंचे सभी ने एकजुटता प्रदर्शित करते हुए यह का दावा किया सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार कार्यकाल पूरा करेगी। बैठक से बाहर निकले यूपीए विधायकों ने कहा कि वे पूरी तरह से एकजुट है, उन्हें कोई तोड़ नहीं सकता है और सरकार गिराने की कोशिश सफल नहीं होगी।
बैठक से बाहर निकलने पर जेएमएम के वरिष्ठ नेता और मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि पार्टी को सत्ता खैरात में नहीं जनसमर्थन से मिली है, अगले 25 सालों तक जेएमएम की सरकार बनी रहेगी।
वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने दावा किया है कि पार्टी के सभी विधायक एकजुट हैं, कांग्रेस को अपने विधायकों को कहीं ले जाने की जरूरत नहीं है, सभी विधायकों को रांची में ही रहने का निर्देश दिया गया है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि कैश कांड में फंसे तीन विधायकों को कांग्रेस कोलकाता से रांची बुला सकती है। इस संबंध में कोलकाता हाईकोर्ट में तीनों कांग्रेस विधायकों की ओर से याचिका दायर कर अनुमति ली जा सकती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि शाम में फिर से एक बैठक होगी। पार्टी और गठबंधन दल के नेता तमाम घटनाक्रम पर नजर बनाये हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के फैसले के तुरंत बाद फिर होगी यूपीए विधायकों की बैठक, जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी-एनसीपी विधायक फैसले के बाद उत्पन्न राजनीतिक स्थिति पर विचार-विमर्श कर बनाएंगे आगे की रणनीति। श्री गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ खड़ी है और पार्टी हाईकमान का जो भी निर्देश होगा उसका अक्षरश: पालन किया जाएगा।इस बीच राजभवन के बाहर भी हलचल बढ़ी हुई है। मुख्यमंत्री श्री सोरेन के आॅफिस आॅफ प्रॉफिट मामले में राज्यपाल जल्द ही कुछ फैसला ले सकते है, वे इस संबंध में लगाकार कानूनविदों और विधि विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि जेएमएम कांग्रेस विधायकों को अभी झारखंड से कहीं बाहर ले जाने पर कोई चर्चा नहीं हो रही है ।उन्होंने दावा किया कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन सरकार पूरी तरह से स्थिर है । सीएम हाउस पहुंचे राजेश ठाकुर ने कहा कि बैठक में सभी रणनीतियों पर विचार विमर्श किया जाएगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय समिति के सदस्य विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि झारखंड में जो राजनीतिक परिस्थिति बनी है, वह कमोबेश सभी गैर भाजपाई राज्यों की है। उन्होंने कहा कि जेएमएम परिस्थिति के हिसाब से निर्णय लेने के लिए तैयार है, सभी विकल्पों पर विचार-विमर्ष किया जा रहा है।
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए समिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया है कि राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है।उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा के कई विधायक भी उनके साथ आने के लिए संपर्क में है।इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजे जाने की चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा विधायक निशिकांत दूबेने ट्वीट कर दावा किया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के सूत्रों के अनुसार तीन बसों से विधायकों को छत्तीसगढ़ के बारामुदा ले ज़ाया जा रहा है । श्री दूबे ने कहा कि भाजपा,एजेंसी के साथ साथ अब झामुमो की सूचना भी लगातार देते रहेंगे।
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