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ग्रामीण गड्ढे का पानी पीने को विवश
जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी प्रखंड अंतर्गत बागजाता यूरेनियम प्रोजेक्ट से सटे फुलझड़ी गांव के लोग आजादी के 75 वर्षों के बाद भी लोग पेयजल संकट जैसे बुनियादी जरूरतों से जूझ रहे है। फुलझड़ी गांव में 46 लाख से बने सोलर जल मीनार बीते दो सालों से खराब पड़ा हुआ है। जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। ऐसे में 542 आबादी वाला यह पूरा गांव एक चापाकल के भरोसे है। अगर वह चापाकल भी खराब हुआ तो पूरा गांव में पेयजल संकट को लेकर हाहाकार मच जाएगा। क्योंकि 2 साल से खराब पड़ी जल मीनार विकास की मुंह चिढ़ा रही है। ग्रामीणों ने जलमिनार को ठीक करने की मांग को लेकर गांव में प्रदर्शन किया व स्थानीय विधायक रामदास सोरेन से खराब जल मीनार को ठीक करने की मांग उठाई ताकि ग्रामीणों को पेयजल संकट से राहत मिल सके।
इसी तरह बागजाता का सबर टोला का सोलर जल मीनार भ्ज्ञी बीते एक सालों से खराब पड़ा हुआ है। इसकी भी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। मरम्मती की मांग को लेकर बागजाता सबर टोला के ग्रामीणों ने भी जल मीनार के समक्ष प्रदर्शन किया व गुड़ाबांधा के बीडीओ से इस दिशा में पहल करने की मांग की ताकि सबर जनजाति को भी शुद्ध पानी मुहैया हो सके। इस बाबत गुड़ाबांधा प्रखंड अंतर्गत भालकी पंचायत स्थित बागजाता गांव के सबर टोला के 75 वर्षीय हीरा सबर, जयराम सबर, खेपा सबर, अनीता हासदा, आर्शु हांसदा, सालखन हांसदा बताते हैं कि ग्रामीण दूर से ढोकर गड्ढे का पानी पीने को विवश है। बहर हाल देखना यह है कि गुड़ाबांधा के बीडीओ का नजर इन सबरो पर कब पड़ती है ताकि शुद्ध पेयजल, राशन कार्ड व वृद्धा पेंशन जैसे बुनियादी जरूरतों से जूझ रहे इन सबरो को सपना पूरा हो सके।
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