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बनेंगे 6 दुर्लभ संयोग, व्रत करने से 3 जन्मों के पाप से मिलेगी मुक्ति
चतरा: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का महापर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सोमवार को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के मौके पर इस बार वैसे सभी दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जो कान्हा के जन्म के समय बने थे। जन्मकुंडली, वास्तु व कर्मकाण्ड परामर्श के आचार्य पं. चेतन पाण्डेय ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र एवं वृष राशि की चन्द्रमा में मध्य रात्रि के समय हुआ था। शास्त्रों में कहा गया कि जन्माष्टमी पर भाद्रपद कृष्ण पक्ष रात्रि कालीन अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र वृषभ राशि में चंद्रमा के साथ सोमवार या बुधवार का होना दुर्लभ होता है। लेकिन इस वर्ष जन्माष्टमी पर वर्षों बाद ऐसे संयोग बन रहे हैं। ऐसे में 30 अगस्त को इस वर्ष जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। इस बार ऐसा संयोग है कि दिन भी सोमवार है। हृषिकेश पंचांग के अनुसार सुबह से देर रात 12:13 बजे तक अष्टमी तिथि भोग कर रहा है। उसके बाद इसी रात नवमी तिथि भी प्रवेश कर जाएगी। चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद हैं। इन सभी योगों के साथ रोहिणी नक्षत्र भी इस वर्ष इसी दिन मौजूद रहेगा। इन योगों को लेकर इस बार जन्माष्टमी व्रत बहुत ही उत्तम माना जा रहा है। आचार्य पांडेय ने आगे बताया कि निर्णय सिंधु के अनुसार ऐसे संयोग में जन्माष्टमी व्रत करने से 3 जन्मों के जाने अनजाने में हुए पापों से मनुष्य मुक्ति पाता है। ऐसे में इस वर्ष भक्तों के लिए जन्माष्टमी व्रत शुरू करना भी शुभ रहेगा। आचार्य ने बताया कि इस बार स्मार्त और वैष्णव दोनों द्वारा एक ही दिन 30 अगस्त को जन्माष्टमी मनाया जाएगा।
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